उन्नाव (उप्र), 26 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में तैनात एक पुलिस कांस्टेबल ने अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए ‘इच्छा मृत्यु’ की मांग की है, जिसके बाद उसे निलंबित करते हुए मामले की विभागीय जांच शुरू कर दी गयी है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी।
पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि कांस्टेबल अखिलेश यादव का पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उसने अधिकारियों पर जाति और धर्म के नाम पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की अपील की थी।
वीडियो में कांस्टेबल ने दावा किया कि उसकी पत्नी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद उसे मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। वीडियो में सुसाइड नोट पढ़ते नजर आ रहे यादव ने आरोप लगाया कि अधिकारी उसे फर्जी मामलों में फंसा रहे हैं और इसमें 30 अधिकारी शामिल हैं।
इसी वीडियो में वह दूसरे जिलों में तैनात दो वरिष्ठ अधिकारियों को गोली मारने का फैसला लेने की बात भी करता नजर आ रहा है। उसने यह भी कहा कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह आत्महत्या करने को मजबूर होगा। उसने ‘इच्छा मृत्यु’ की भी मांग की थी।
पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने बताया कि कांस्टेबल अखिलेश यादव को अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है और उसके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गयी है।
उन्नाव पुलिस ने जारी बयान में बताया कि आरोप लगाने वाले कांस्टेबल के खिलाफ उसकी पत्नी दीपा यादव ने साल 2022 में सोनभद्र जिले के रॉबर्ट्सगंज इलाके के एक थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी और चार मार्च 2023 को कथित दहेज हत्या के मामले में उस पर एक और मुकदमा दर्ज हुआ था।
बयान के मुताबिक कांस्टेबल यादव के खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें आरोप पत्र अदालतों को भेजे जा चुके हैं। साल 2022 के मामले में कांस्टेबल को अदालत ने जेल भी भेजा था। उपरोक्त दोनों मामले अदालतों में लंबित हैं।
भाषा सं. सलीम रंजन
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