उप्र विधानसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के साथ संयुक्त अभियान चलाएंगे : कांग्रेस |

उप्र विधानसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के साथ संयुक्त अभियान चलाएंगे : कांग्रेस

उप्र विधानसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के साथ संयुक्त अभियान चलाएंगे : कांग्रेस

:   Modified Date:  October 25, 2024 / 10:15 PM IST, Published Date : October 25, 2024/10:15 pm IST

लखनऊ, 25 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में नौ सीटों पर 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव से बाहर निकलने के अपने फैसले की घोषणा के एक दिन बाद, कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि उसके नेता सहयोगी दल समाजवादी पार्टी(सपा) के साथ ‘संयुक्त अभियान’ चलाएंगे।

समाजवादी पार्टी अपने ‘साइकिल’ चुनाव चिन्ह पर सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख अजय राय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘हम 2024 के लोकसभा चुनावों में गठित एक अभियान की तर्ज पर एक सुचारू अभियान सुनिश्चित करने के लिए समन्वय समितियों का गठन कर रहे हैं।’

यह कदम संभवतः यह सुनिश्चित करने की इच्छा से प्रेरित है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच ‘भ्रम’ के कारण गठबंधन जमीनी स्तर पर बिखर न जाए, जिनमें से कई ने स्वीकार किया कि वे कांग्रेस के ‘पीछे हटने’ के कदम से हैरान हैं।

राय ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की नेता और विधायक आराधना मिश्रा ‘मोना’ शनिवार को गाजियाबाद में होने वाली ऐसी ही एक बैठक में मौजूद रहेंगी।

राय ने कहा, ‘मैं ‘इंडिया’ गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करूंगा और पार्टी के अन्य नेता भी ऐसा ही करेंगे।’

वह बृहस्पतिवार को दिल्ली की प्रेसवार्ता में मौजूद थे, जहां पार्टी ने उप्र में चुनावी मुकाबले से बाहर होने की घोषणा की थी। कांग्रेस ने चुनावों से दूर रहने का फैसला भले ही राजनीति के कारण लिया हो, लेकिन जमीनी स्तर पर इसके नेता अभी भी मानते हैं कि कार्यकर्ताओं को संदर्भ समझाने की जरूरत है, जो सीट बंटवारे के मुद्दे पर सहयोगी समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ कड़ा रुख अपनाने के शुरुआती प्रयासों के बाद पार्टी के इस कदम से हैरान थे।

जमीनी स्तर पर समन्वय की जरूरत शुक्रवार को तब स्पष्ट हुई, जब कांग्रेस की प्रयागराज इकाई (गंगापार) के प्रमुख सुरेश यादव ने फूलपुर से नामांकन दाखिल किया। यह उन नौ सीटों में से एक है, जिन पर चुनाव होने हैं।

सुरेश यादव ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘हां, मैंने नामांकन के दो सेट दाखिल किए हैं।’

उन्होंने इस विषय पर कोई और सवाल का जवाब नहीं दिया, जबकि उप्र कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने कहा कि फूलपुर से नामांकन “भ्रम” के कारण दाखिल किया गया था और यादव अपना नामांकन वापस ले लेंगे।

राय के ‘गठबंधन के साथ सब ठीक है’ के दावे के बावजूद, यह स्पष्ट था कि कांग्रेस को अब चुनावों से बाहर रहने के फैसले पर जिसे राष्ट्रीय लोक दल (रालोद ) प्रमुख जयंत चौधरी ने ‘इज्जत बचाने का इशारा’ करार दिया था, कार्यकर्ताओं को विश्वास में लेने की आवश्यकता होगी।

कांग्रेस चुनाव समिति (सीईसी) के सदस्य और पार्टी के वरिष्ठ नेता पी एल पुनिया ने पीटीआई-भाषा को बताया, “यह सच है कि हमारे कार्यकर्ता चाहते थे कि पार्टी चुनाव लड़े, लेकिन साथ ही बड़ा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि ‘इंडिया’ गठबंधन भाजपा को चुनाव में जीत से दूर रखे और यही कारण है कि कांग्रेस ने चुनावों से बाहर रहने के बाद समाजवादी पार्टी का पूरी तरह से समर्थन करने का फैसला किया है।”

लखनऊ में उप्र कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में भी उपचुनावों से बाहर रहने का पार्टी का फैसला काफी बहस का विषय रहा, क्योंकि यह फैसला सपा-कांग्रेस गठबंधन द्वारा 2024 के लोकसभा चुनावों में उप्र में जीती गई 43 सीटों (37 सपा, 6 कांग्रेस) के मुकाबले भाजपा को 36 सीटों पर सीमित करने के बाद आया है।

कांग्रेस के एक दिग्गज नेता ने कहा,”इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि हम चाहते थे कि पार्टी चुनाव लड़े। लेकिन मुझे लगता है कि उम्मीदवारों की घोषणा करने के समाजवादी पार्टी के एकतरफा फैसले ने चीजों को खराब कर दिया। उन्होंने कांग्रेस के लिए जो सीटें छोड़ी, वे ऐसी थीं जहां सपा जानती थी कि वह नहीं जीतेगी। इससे विकल्प सीमित हो गए होंगे।’

उन्होंने स्वीकार किया कि गठबंधन के इर्द-गिर्द माहौल बनाने के बाद चुनावी मुकाबले से हटने के फैसले को जमीनी स्तर पर कैडर तक पहुंचाने की जरूरत है ताकि ‘फूलपुर जैसा भ्रम’ न हो।

भाषा

मनीष, जफर, रवि कांत रवि कांत

 

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