हाथरस (उप्र), 28 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (यूपीएससीपीसीआर)की टीम ने शनिवार को उस स्कूल का दौरान किया जहां पर कथित तौर पर दूसरे कक्षा के एक बच्चे की ‘बलि’ दी गई थी।
पुलिस ने एक दिन पहले ही मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।
यूपीएससीपीसीआर अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा के नेतृत्व में आई टीम ने बच्चे के घर और उस स्कूल का दौरा किया, जहां घटना हुई थी। टीम के साथ स्थानीय पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि भी थे।
तुरसेन गांव में आयोग ने शोकाकुल परिवार से मुलाकात की और अपनी संवेदना व्यक्त की तथा यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया कि घटना के पीछे की सच्चाई सामने लाई जाएगी।
शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि हत्या की गहन जांच की जाएगी और जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा। उन्होंने मामले की जांच एवं सुनवाई में तेजी लाने और अपराधियों को तुरंत सजा दिलाने के लिए आरोप पत्र दाखिल करने का आह्वान किया।
शर्मा ने जनता को आश्वासन दिया कि सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी रहेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगी।
घटना के मद्देनजर स्कूल बंद होने से पढ़ाई में आ रही बाधा के बारे में शर्मा ने कहा कि बातचीत के जरिए समाधान निकाला जाएगा।
पुलिस ने सोमवार को हुई हत्या के मामले में स्कूल के मालिक और निदेशक के अलावा प्रधानाचार्य और दो शिक्षकों की कथित संलिप्तता के लिए शुक्रवार को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने कहा कि मृतक छात्र की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि उसकी गला घोंटकर हत्या की गई थी।
पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि मालिकों ने अपने संस्थान को और अधिक ‘समृद्ध’ बनाने के लिए दूसरी कक्षा के एक छात्र की कथित तौर पर ‘बलि’ दे दी थी।
पुलिस के मुताबिक डी.एल. पब्लिक स्कूल के मालिक जसोधन सिंह ने विद्यालय के निदेशक और अपने बेटे दिनेश बघेल से संस्थान और परिवार की ‘समृद्धि’ के लिए एक बच्चे की बलि देने को कहा। ऐसा माना जाता है कि जसोधन सिंह ‘तंत्र-विद्या’ से जुड़ी चीजों में भरोसा करते थे।
प्रधानाचार्य लक्ष्मण सिंह और दो शिक्षकों रामप्रकाश सोलंकी और वीरपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने पांच लोगों पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 103 (1) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
हाथरस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अशोक कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था, ‘‘छात्र की पहचान कृतार्थ के रूप में हुई है और वह डीएल पब्लिक स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ता था।’’
उन्होंने बताया था, ‘‘शिक्षक रामप्रकाश सोलंकी, दिनेश बघेल और स्कूल के मालिक जसोधन सिंह ने 23 सितंबर को स्कूल के छात्रावास से कृतार्थ को अगवा कर लिया था। जसोधन सिंह तंत्र साधना में भरोसा करता है और उसने अपने बेटे से स्कूल और परिवार की समृद्धि के लिए एक बच्चे की बलि देने को कहा था।’’
अधिकारी ने बताया कि वे छात्र को बलि देने के लिए एक सुनसान स्थान पर ले गए लेकिन छात्र जाग गया और रोने लगा।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद उन्होंने छात्र की गला घोंटकर हत्या कर दी। एक अन्य शिक्षक वीरपाल सिंह और स्कूल के प्रधानाचार्य लक्ष्मण सिंह भी घटनास्थल पर मौजूद थे और वे वहां निगरानी कर रहे थे।’’
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने बच्चे के माता-पिता से कहा कि कृतार्थ की तबीयत ठीक नहीं है और उसे बघेल की कार से अस्पताल ले जाया जा रहा है। हालांकि, उसके माता-पिता ने कार रोकी और जब उन्हें पता चला कि बच्चे की मौत हो गई है तो उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी।
एएसपी ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ करने पर पुलिस को बताया कि स्कूल और उसके मालिक के परिवार की ‘समृद्धि’ के लिए छात्र की ‘बलि’ दी गई।
भाषा सं जफर धीरज
धीरज
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