गोंडा के प्रतिष्ठित चिकित्सक व कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा |

गोंडा के प्रतिष्ठित चिकित्सक व कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा

गोंडा के प्रतिष्ठित चिकित्सक व कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा

:   Modified Date:  October 24, 2024 / 09:25 AM IST, Published Date : October 24, 2024/9:25 am IST

गोंडा, 24 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक प्रतिष्ठित चिकित्सक, चिकित्सा जांच केंद्र के प्रबंधक तथा कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी व लापरवाही से कार्य करते हुए किसी के जीवन को संकट में डालने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

कोतवाली नगर के प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार पाठक ने बताया कि खरगूपुर थाना क्षेत्र के कहला तेंदुआ निवासी महेश कुमार की तहरीर पर बुधवार को एक निजी अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. टी.एस. भोसले, अस्पताल प्रबंधक और सभी कर्मचारियों के खिलाफ अदालत के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया।

पाठक के मुताबिक प्राथमिकी में कहा गया है कि महेश ने अपने बेटे शक्ति (18) को 12 फरवरी 2024 को असहनीय पेट दर्द की शिकायत होने पर जिला मुख्यालय पर एक प्रतिष्ठित संस्थान के पेट रोग विशेषज्ञ डॉ. क्षितिज सरन से इलाज कराया था।

शिकायत के अनुसार, चिकित्सक ने मरीज का एमआरसीपी कराने को कहा जिसके बाद एक निजी केंद्र पर बेटे की जांच कराकर रिपोर्ट प्राप्त की।

प्राथमिकी में कहा गया कि रिपोर्ट को देखने पर चिकित्सक सरन ने बताया कि उनका बेटा गंभीर बीमारी से ग्रस्त है और इसका इलाज लंबा है लेकिन ठीक हो जाएगा। इसमें कहा गया कि बेटे को दवा से कोई खास राहत नहीं मिली तो उन्होंने कई अन्य चिकित्सकों को भी दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

प्राथमिकी के अनुसार, महेश ने 15 मार्च को पीजीआई लखनऊ के डॉ. रजनीश सिंह से संपर्क किया और उन्हें शक्ति की जांच रिपोर्ट दिखाई जिसे जांचने के बाद उन्होंने बताया कि यह रिपोर्ट शक्ति की न होकर किसी राम मिलन गोस्वामी (62) की है।

महेश ने जांच केंद्र से संपर्क कर दूसरी रिपोर्ट हासिल की जिसे फिर डॉ. रजनीश सिंह को दिखाया गया तो उन्होंने यह रिपोर्ट भी राम मिलन गोस्वामी की ही बताई।

महेश ने शिकायत में आरोप लगाया कि गलत जांच रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सकों ने अनुचित दवाइयां लिखीं, जिससे शक्ति का जीवन संकट में पड़ गया।

प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि प्रकरण में अदालत के आदेश पर बुधवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 336 (लापरवाही से किसी की जान को खतरे में डालना) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

उन्होंने बताया कि क्योंकि यह अपराध इस साल एक जुलाई से पहले का है इसलिए इस मामले में भारतीय न्याय संहिता के बजाय भारतीय दंड संहिता की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

इस बीच, इस संबंध में सेंटर के प्रबंधक महेंद्र सिंह ने कहा कि प्राथमिकी में लगाए गए आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं ऐसा केवल परेशान करने के लिए किया गया है।

भाषा सं सलीम सुरभि खारी

खारी

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)