आंबेडकर के खिलाफ भाजपा के कार्य ‘स्वाभाविक पूर्वाग्रह’ का प्रतिबिंब हैं : सपा प्रमुख अखिलेश |

आंबेडकर के खिलाफ भाजपा के कार्य ‘स्वाभाविक पूर्वाग्रह’ का प्रतिबिंब हैं : सपा प्रमुख अखिलेश

आंबेडकर के खिलाफ भाजपा के कार्य ‘स्वाभाविक पूर्वाग्रह’ का प्रतिबिंब हैं : सपा प्रमुख अखिलेश

Edited By :  
Modified Date: December 19, 2024 / 09:06 PM IST
,
Published Date: December 19, 2024 9:06 pm IST

लखनऊ, 19 दिसंबर (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए उस पर बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर और संविधान में निहित मूल्यों को कमतर आंकने का आरोप लगाया।

यादव की टिप्पणी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में आंबेडकर के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणियों के जवाब में आयी है।

सपा प्रमुख ने लखनऊ में पार्टी विधायक दल की बैठक में शाह की टिप्पणी को बाबा साहेब और उनके संविधान का अपमान करार देते हुए कहा, ‘‘यह कोई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की खराबी या तकनीकी गड़बड़ी नहीं है। यह उनके (भाजपा) अंदर की गलती है। यह उनके स्वाभाविक पूर्वाग्रह का प्रतिबिंब है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा डॉ आंबेडकर का सम्मान नहीं करती, क्योंकि उनका संविधान गरीबों, पिछड़ों और हाशिए पर पड़े लोगों का शोषण करने और उन पर हावी होने के उसके प्रयासों में बाधा खड़ी करता है।’’

यादव ने गृह मंत्री से माफी की मांग करते हुए कहा, ‘‘बाबा साहेब के बारे में गृह मंत्री की टिप्पणी बेहद अपमानजनक है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए। बाबा साहेब शोषितों, गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों के लिए पूजनीय व्यक्ति हैं। वे उनके लिए भगवान से कम नहीं हैं।’’

सपा प्रमुख ने भाजपा की ‘‘लोकतंत्र विरोधी मानसिकता’’ की आलोचना की और उस पर ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ जैसी नीतियों के माध्यम से देश को तानाशाही की ओर ले जाने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा अपना विमर्श थोपकर और लोकतंत्र का गला घोंटकर बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की दुर्दशा जैसे वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।’’

यादव ने भाजपा द्वारा संविधान में ‘‘हेराफेरी’’ करने के कथित प्रयासों के बारे में भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का उद्देश्य संविधान से नहीं, बल्कि अपनी मर्जी से देश चलाना है। लोकतंत्र के प्रति उसका तिरस्कार और केंद्रीकृत नियंत्रण के प्रति उसका प्रेम जगजाहिर है।’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा बेरोजगारी और किसानों की परेशानी जैसे ज्वलंत मुद्दों को हल करने में विफल रही है। वहीं, वह पिछड़े और हाशिये पर खड़े समुदायों के अधिकारों को कमजोर करने का काम कर रही है।

अखिलेश यादव ने आर्थिक और औद्योगिक मुद्दों को लेकर सरकार के ‘‘कुप्रबंधन’’ का मुद्दा उठाते हुए पूछा, ‘‘उनके बड़े-बड़े दावों के बावजूद सवाल यही है कि उत्तर प्रदेश वास्तव में ‘उत्तम प्रदेश’ कब बनेगा?’’

यादव ने भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने संभल में बिजली विभाग की छापेमारी का हवाला देते हुए कहा कि अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों और यहां तक कि सांसद को भी परेशान किया है।

सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘गरीबों और कमजोर लोगों को निशाना बनाने के बजाय सरकार को बिजली चोरी में शामिल भाजपा नेताओं की जांच करनी चाहिए।’’

मंगलवार को संविधान पर राज्यसभा में बहस का जवाब देते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, ‘‘अभी एक फैशन बन गया है… आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’

शाह के इस बयान के लिए विपक्षी दलों के नेताओं ने उनकी आलोचना की है।

इसके पूर्व, सपा अध्यक्ष ने भाजपा पर निशाना साधते हुए ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘जिनका मन ‘विद्वेष’ से भरा है वो ‘देश’ क्या चलाएंगे। आज जो हुआ वो सिर्फ़ बाबासाहेब का ही नहीं, उनके दिये संविधान का भी अपमान है। ये भाजपा की नकारात्मक मानसिकता का एक और चरम बिंदु है।’’

यादव ने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘देश ने आज जान लिया है कि भाजपा के लोगों के मन में बाबासाहेब को लेकर कितनी कटुता भरी है। वे बाबासाहेब के बनाये संविधान को अपना सबसे बड़ा विरोधी मानते हैं क्योंकि उनको लगता है कि वे जिस प्रकार ग़रीब, वंचित, दमित का शोषण करके, उनके ऊपर अपना प्रभुत्व कायम करना चाहते हैं, उनकी इस मंशा के आगे संविधान ढाल बनकर खड़ा है।’’

भाषा जफर शोभना सलीम शफीक

शफीक

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)