up cabinet minister news: आगरा: आगरा में भाजपा के एक कैबिनेट मंत्री के बाद दूसरा कैबिनेट मंत्री भी विवादों में घिर गया है। एक पीड़ित ने ऐसे आरोप लगाए हैं कि भाजपा के इन जनप्रतिनिधियों पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। पत्रकारों से रूबरू होते हुए पीड़ित ने आरोप लगाया कि 40 साल के कारोबार को एक कैबिनेट मंत्री और उनके परिवार ने खत्म कर उन्हें सड़क पर ला दिया है। ‘हम पुलिस के पास जाते हैं तो पुलिस हमारी सुनती नहीं और उल्टा हमें ही आरोपी बनाकर एफआईआर दर्ज कर दिया। उस मुकदमें से बचने के लिए उन्हें न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। स्थानीय स्तर पर सुनवाई नहीं हुई तो सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर सुरक्षा की गुहार लगाई।’ यह कहना है पीड़ित व्यापारी रवि शंकर अग्रवाल का।
जानकारी के मुताबिक पीड़ित रवि शंकर अग्रवाल पिछले 40 साल से रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल के साथ अन्य क्षेत्र में कारोबार कर रहे है। शहर में उनका एक बड़ा नाम है। पीड़ित का आरोप है कि आगरा की कैबिनेट मंत्री एवं उनके बेटे ने मेरे सभी प्रतिष्ठानों एवं व्यापार पर जबरन कब्जा कर लिया है। मैं मलिक होने के बावजूद भी बाहर हूं। हम पीड़ित हैं। जब पुलिस के पास जाते हैं तो पुलिस हमारी प्राथमिकी दर्ज करना तो दूर की बात हैं। हमारी पीड़ा और दर्द भी नहीं जानना चाहती। हमें इनके द्वारा पुलिस एवं कानून में ऐसा फंसाया जा रहा है कि हम कोर्ट कचहरी के चक्कर काटते रहें और व्यापार को लेने की लड़ाई भूल जाएं।
पीड़ित रवि शंकर अग्रवाल ने बताया कि हम लोग उत्तर प्रदेश के एसीएस होम अवनीश अवस्थी से मिले। उन्होंने इस मामले में एक आईपीएस एसपी सिटी से जांच कराई। जांच में सामने आया कि इसमें कोई भी मामला अपराधिक नहीं है यह सभी प्रकरण सिविल के हैं। पीड़ित रवि शंकर अग्रवाल का कहना है कि जांच में सब साफ हो गया है बावजूद इसके आगरा पुलिस हमें प्रताड़ित करने का काम कर रही है। हमारे ऊपर दर्ज मुकदमे को नहीं हटाया जा रहा है।
पीड़ित रवि शंकर अग्रवाल का कहना था कि स्थानीय स्तर पर सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने सीएम योगी से गुहार लगाई उनसे मुलाकात कर अपना दर्द भी साझा किया। पुलिस ने मेरी तरफ से एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की है। दूसरे पक्ष ने फिर हमारे ऊपर एफआईआर कराई गई जबकि मेरे द्वारा कोर्ट के माध्यम से 156 /3 में 9 एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। पुलिस ने मेरी ओर से कोर्ट के माध्यम से दर्ज कराई गई एफआईआर में चंद महीनों में ही एफआर लगा दी। माननीय न्यायालय ने पुलिस की एफआर का संज्ञान लिया और उन सभी एफआर को निरस्त किया गया। न्यायालय ने कहा है कि इन सभी में अपराध नहीं बनता है। न्यायालय ने इस मामले में समन जारी किए हैं। पीड़ित रवि शंकर अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आश्वासन पर पूरा विश्वास है, लेकिन आगरा पुलिस द्वारा मुझे प्रताड़ित करने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। – ब्यूरो रिपोर्ट
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