'bhar' came from Shri Ram's in-laws' house Janakpur

Bhar Yatra in Ayodhya : श्री राम के ससुराल से आया ‘भार’, महासचिव चंपत राय ने कहा त्रेतायुग से हैं भारत-नेपाल के संबंध

Bhar Yatra in Ayodhya : नेपाल के जनकपुर से आए भक्तों ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को 'भार' सौंपा है।

Edited By :   Modified Date:  January 7, 2024 / 09:53 AM IST, Published Date : January 7, 2024/8:14 am IST

अयोध्या: Bhar Yatra in Ayodhya : 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में उत्सव और जश्न की तैयारियां हो रही है। इसी कड़ी में भारत के पड़ोसी राज्य और श्री राम के ससुराल नेपाल के जनकपुर धाम से ‘भार यात्रा’ शुरू होकर शनिवार को अयोध्या पहुंची। राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह से पहले नेपाल के जनकपुर से आए भक्तों ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को ‘भार’ सौंपा है।

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कई जगहों पर हुआ भार यात्रा का स्वागत

Bhar Yatra in Ayodhya :  बता दें कि, ‘भार यात्रा’ ने शुक्रवार को नेपाल के बीरगंज से निकल कर भारत की सीमा में प्रवेश किया था। इस यात्रा का कई जगहों पर पुष्पों से स्वागत किया गया। इसके बाद भार यात्रा शनिवार को उत्तर प्रदेश के अयोध्या पहुंची। ‘भार यात्रा’ पहुंचने पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि भारत-नेपाल के संबंध त्रेतायुग से हैं।

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क्या होता है भार?

Bhar Yatra in Ayodhya :  चंपत राय ने आगे कहा कि मिथिला संस्कृति में विवाह के बाद जब बेटी का गृह प्रवेश ससुराल में होता है तो उसे सौगात (भार) भेजी जाती है। इसी परंपरा को निभाते हुए जनकपुर से भार यात्रा शुरू हुई, जोकि बिहार के मिथिला होते हुए शनिवार तड़के तीन बजे अयोध्या पहुंची। भेंट यानी भार को करीब 500 लोग लेकर पहुंचे हैं। चंपत राय ने भेंट यानी भार को स्वीकार किया।

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