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लखनऊ, 30 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि वर्ष 2017 से पहले इस प्रदेश में कारोबार स्थापित करने के लिए ना तो माहौल था और न ही सरकार के पास कोई दृष्टिकोण था।
योगी ने राज्य में औद्योगिक इकाइयों के लिए नकद प्रोत्साहन के संबंध में यहां लोक भवन (मुख्यमंत्री कार्यालय) में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा, “यह सही है कि वर्ष 2017 से पूर्व उत्तर में ऐसा माहौल नहीं था कि हम उद्यमियों को यहां उद्योग लगाने के लिए कह सकते थे। ना ही तत्कालीन सरकार के पास इसके लिए कोई दृष्टिकोण था।”
उन्होंने कहा, “उनके (पूर्ववर्ती सरकारों) सीमित हित और सीमाएं थीं। उनके पास उप्र के विकास के लिए दृष्टिकोण की कमी थी।”
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पूर्ववर्ती सरकारें केवल सत्ता में बने रहने को लेकर चिंतित थीं जिससे “उप्र और यहां के लोगों की पहचान का संकट खड़ा हुआ।”
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिली जीत के बाद योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
योगी ने कहा, ”सात साल पहले उत्तर प्रदेश में जो माहौल था और आज का जो माहौल है, उसमें जमीन आसमान का अंतर है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि ”आज उत्तर प्रदेश निवेश के सर्वश्रेष्ठ स्थल के रूप में नए आयाम गढ़ रहा है। यहां उद्योगों के अनुकूल वातावरण स्थापित किया गया है, नीतियां बनाई गई हैं और कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है।”
यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार योगी ने अपने संबोधन में विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ”जिनके लिए उत्तर प्रदेश में निवेश के बारे में सोचना भी असंभव था। वो लोग देख लें हमारी सरकार ने असंभव को संभव करके दिखाया है।”
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ”फरवरी 2023 में आयोजित हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन के माध्यम से प्रदेश को 40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। उसमें से 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से धरातल पर उतर चुके हैं।”
मुख्यमंत्री ने इस आयोजन में 32 औद्योगिक इकाइयों को 1,333 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि का संवितरण एवं 4,500 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश हेतु 10 औद्योगिक इकाइयों को लेटर ऑफ कम्फर्ट वितरित किया।
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में आए दिन प्रदेश में दंगे होते थे। महीनों-महीनों कर्फ्यू लगा रहा था। जब प्रदेश में व्यक्ति ही सुरक्षित नहीं रहेगा तो पूंजी क्या सुरक्षित रहेगी।
भाषा राजेंद्र रंजन
रंजन
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