लखनऊ। श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में भगदड़ की घटना के बाद भीड़ प्रबंधन को लेकर उठ रहे सवालों के बीच मंदिर समिति के एक पूर्व अध्यक्ष ने किसी खुली जगह में बड़े नये मंदिर का निर्माण कर विग्रह को उसमें स्थानांतरित करने का सुझाव दिया है।
वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन समिति के पूर्व अध्यक्ष महेश पाठक ने रविवार को कहा कि भविष्य में मंदिर में भगदड़ की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार को 50 से 100 एकड़ जमीन अधिग्रहीत करके उस पर मंदिर के धन से ही एक विशाल मंदिर का निर्माण कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंदिर की मूर्तियों को किसी नए स्थान पर प्राण प्रतिष्ठित करने में कोई हर्ज नहीं है। पुजारियों, माला विक्रेताओं और पार्किंग इत्यादि की व्यवस्था भी नए स्थान पर की जा सकती है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक विकल्प यह भी हो सकता है कि मौजूदा मंदिर का ही पुनरुद्धार किया जाए और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह यहां भी आसपास की दुकानों को किसी दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाए।
इस बीच, जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बांके बिहारी मंदिर और उसके आसपास की गलियों का वर्चुअल माध्यम से सर्वे किया और मंदिर की व्यवस्थाओं में और सुधार के लिए पुजारियों से बातचीत की।
गौरतलब है कि गत 12/13 अगस्त की दरमियानी रात को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर बांके बिहारी मंदिर में क्षमता से अधिक भीड़ इकट्ठा हो जाने से मची भगदड़ में दम घुटने से दो लोगों की मौत हो गई थी तथा सात अन्य जख्मी हो गए थे।
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