बहराइच (उप्र), 23 अक्टूबर (भाषा) पुलिस ने बुधवार को उन दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जिन्होंने एक वीडियो में कथित तौर पर दावा किया था कि बहराइच में हिंसा “प्रायोजित” थी और उन्होंने इसमें संलिप्तता की बात कबूल की थी।
बहराइच की पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने मंगलवार को वीडियो में नशे में धुत लोगों के दावे को खारिज कर दिया था।
हरदी थाना क्षेत्र के सालिक पुरवा गांव के निवासी प्रेम कुमार मिश्रा और सबुरी मिश्रा को 14 अक्टूबर को महाराजगंज इलाके में हुई आगजनी और हिंसा की घटनाओं में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
वीडियो में दोनों व्यक्ति यह चर्चा करते नजर आ रहे हैं कि महाराजगंज दंगे प्रायोजित थे।
शुक्ला ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि दोनों व्यक्ति भरोसे लायक नहीं हैं और जब उन्होंने यह दावा किया तब वे नशे में लग रहे थे।
वीडियो ऑनलाइन सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि बहराइच हिंसा में सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ता शामिल थे।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी ने अराजक तत्वों को हिंसा में लिप्त होने की ‘खुली छूट’ दे रखी थी, जैसा जर्मन तानाशाह हिटलर ने किया था।
जिले के महाराजगंज क्षेत्र में 13 और 14 अक्टूबर को हुई सांप्रदायिक हिंसा में पुलिस ने अब तक 15 प्राथमिकियां दर्ज की हैं।
हिंसा के मामले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 75 के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज हैं, जबकि 25 को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
बहराइच जिले के एक गांव में 13 अक्टूबर को जुलूस के दौरान संगीत बजाने को लेकर हुए सांप्रदायिक टकराव में राम गोपाल मिश्रा (22) की गोली लगने से मौत हो गई थी।
घटना के बाद प्रसारित हुए एक वीडियो में वह एक घर की छत से हरे झंडे को उतारकर उसकी जगह भगवा झंडा लगाते हुए दिख रहा था। इसके तुरंत बाद उसे गोली मार दी गई।
भाषा सं जफर
नोमान
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