आजमगढ़ (उप्र), 15 नवंबर (भाषा) आजमगढ़ जिले के संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय (आरटीओ) में एक जालसाज ने एक व्यक्ति की मौत के बाद उसके नाम पर अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेकर उसका वाहन बेच दिया।
एक अधिकारी ने बताया कि मामला संज्ञान में आने पर एनओसी रद्द कर आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है।
आरटीओ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गाजीपुर के सुरहुरपुर जफ्ती गांव निवासी अलका दुबे ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके पति सुनील दुबे के नाम से एक चार पहिया (बोलेरो) वाहन था, जिसका पंजीकरण आजमगढ़ के आरटीओ दफ्तर में था।
अलका ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके पति सुनील दुबे की मौत 18 अक्टूबर 2023 को हो गयी और उनकी मृत्यु के चार माह बाद ही कुछ लोगों द्वारा फर्जी तरीके से उनके पति के स्थान पर खुद को सुनील दुबे बताकर वाहन की एनओसी ले ली और दूसरे को बेच दी।
मामला संज्ञान में आते ही अलका ने इसकी शिकायत आजमगढ़ आरटीओ कार्यालय में की। अलका ने परिवहन विभाग से लेकर मंत्री और आइजीआरएस पोर्टल पर भी अपनी शिकायत दर्ज कराई। हालांकि मामला संज्ञान में आते ही आरटीओ ने अपनी गलती को सुधारने के लिए एनओसी को रद्द कर दिया और आरोपी के खिलाफ संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
इस मामले में आरटीओ प्रवर्तन डॉ. आरएन चौधरी ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है और इस मामले में एनओसी को रद्द कर दिया गया है।
चौधरी ने बताया कि फर्जीवाड़ा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है और संबंधित अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। गाड़ी मालिक सुनील दुबे की पत्नी से कहा गया कि वह गाजीपुर आरटीओ में जाकर वाहन को अपने नाम से पंजीकरण कराएं।
चौधरी ने बताया कि वाहन का पंजीकरण अलका के नाम हो चुका है और गाड़ी की आरसी भी उनको दे दी गयी है।
भाषा सं आनन्द आशीष
आशीष
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