Ayodhya Economy: अयोध्या। अयोध्या के भव्य और दिव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ आज 11 जनवरी को मनाई जा रही है। बता दें कि, पिछले साल रामलला 22 जनवरी 2024 को विराजमान हुए थे। उस वर्ष के मुहूर्त के अनुसार इस बार प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव 11 जनवरी को मनाई जा रही है। इस खास मौके पर पूरी अयोध्या नगरी दुल्हन की तरह सजी हुई है। देशभर में लोग अपने घर और मंदिर भी सजा रहे हैं। जब से राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा हुई है, उसके बाद से देशभर से रोजाना डेढ़ से दो लाख लोग अयोध्या आ रहे हैं। जिससे न सिर्फ अयोध्या का भूगोल बदला है, बल्कि अर्थतंत्र भी बदला है।
अयोध्या की जीडीपी में 2% की वृद्धि
बता दें कि, सिर्फ मेलों पर निर्भर रहने वाली अयोध्या की अर्थव्यवस्था को पंख लग गए हैं। राम मंदिर सिर्फ आस्था ही नहीं, अयोध्या की अर्थव्यवस्था भी है। राममंदिर से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला है। इससे अयोध्या की जीडीपी में 2% की वृद्धि हुई है। मंदिर निर्माण से जहां होटल, होम स्टे के कारोबार को पंख लगे हैं वहीं छोटे-छोटे धंधे भी फल-फूल रहे हैं। रामलला की फोटो, लॉकेट, पेन, पानी की बोतल, माथे पर चंदन लगाकर लोग रोजाना 500 से लेकर 1,000 रुपये तक कमा रहे हैं। छोटे दुकानदारों की आय चार गुना हो गई है। पूजा सामग्री, फूल और हनुमानगढ़ी के प्रसाद विक्रेताओं की आय चार गुना तक बढ़ी है।
पहले मेले पर निर्भर थी अयोध्या की अर्थव्यवस्था
बता दें कि राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व अयोध्या में होने वाले पारंपरिक मेले सावन मेला, रामनवमी मेला, कार्तिक पूर्णिमा स्नान, 14 कोसी व 5 कोसी परिक्रमा, हनुमान जयंती व सूरजकुंड मेला इत्यादि मेलों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या आते हैं, जिनके माध्यम से अयोध्या की अर्थव्यवस्था को बल मिलता रहा है। लेकिन, जब से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर गर्भगृह में रामलला विराजे हैं तब से देश-विदेश से लाखों की संख्या में रामभक्त व श्रद्धालु अयोध्या आ रहे हैं, जिसका सीधा और सकारात्मक प्रभाव अयोध्या की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।