उप्र : थानाध्यक्षों को हटाये जाने के बाद अपना दल के विधायक विनय वर्मा ने खत्म किया धरना |

उप्र : थानाध्यक्षों को हटाये जाने के बाद अपना दल के विधायक विनय वर्मा ने खत्म किया धरना

उप्र : थानाध्यक्षों को हटाये जाने के बाद अपना दल के विधायक विनय वर्मा ने खत्म किया धरना

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Modified Date: September 18, 2024 / 09:33 PM IST
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Published Date: September 18, 2024 9:33 pm IST

सिद्धार्थनगर, 18 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के विधायक विनय वर्मा ने शोहरतगढ़ और ढेबरुआ थानों के प्रभारियों को हटाये जाने के बाद बुधवार अपराह्न को अपना अनिश्चितकालीन धरना समाप्त कर दिया।

शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक वर्मा ने सिद्धार्थनगर पुलिस अधीक्षक प्राची सिंह के कथित ‘पक्षपातपूर्ण’ रवैये के खिलाफ 10 सितंबर को अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था और उनका तबादला करने की मांग की थी।

वर्मा ने ‘पीटीआई—भाषा’ से फोन पर कहा, ”सरकार ने दो पुलिस अधिकारियों का तबादला कर मुझे सम्मान दिया है और सरकार के इस कदम का मान रखते हुए मैंने अपना धरना खत्म कर दिया है। मेरी मांगों में उनका तबादला भी शामिल था।”

उन्होंने कहा, ”दूसरी मांग पुलिस अधीक्षक को हटाने की थी। अब मैंने धरना वापस ले लिया है, लेकिन अगली बार जब मैं मुख्यमंत्री से मिलूंगा तो इस मामले को उनके समक्ष उठाऊंगा।”

वर्मा ने कहा कि थानेदारों को हटाकर सरकार ने जनभावनाओं और आम मतदाताओं की अपेक्षाओं का सम्मान किया है। उन्होंने कहा कि इस कदम से भ्रष्टाचार उन्मूलन की सरकार की मंशा भी मजबूत हुई है।

विधान परिषद सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी, विधायक श्यामधनी राही, भाजपा जिला प्रभारी हरिचरण कुशवाहा और भाजपा जिला अध्यक्ष कन्हैया पासवान अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सिद्धार्थ के साथ विधायक को धरना समाप्त करने के लिए मनाने के वास्ते धरना स्थल पर पहुंचे थे।

विधायक ने पिछले दिनों शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र में अवैध मिट्टी खनन के दौरान ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से चालक की मौत के मामले की जांच में ढेबरुआ थाने के थानेदार पर कुछ लोगों को बचाने का आरोप लगाया था।

वर्मा ने शोहरतगढ़ थाने के प्रभारी पर जायज दलील रखने पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने और कस्बे में नशा माफिया को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया था।

विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस अधीक्षक ने ढेबरुआ और शोहरतगढ़ के थाना प्रभारियों को उनके साथ भेदभाव करने और उनकी बात न सुनने का निर्देश दिया था।

भाषा

सं, सलीम, रवि कांत रवि कांत

 

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