बहराइच में प्रेम प्रसंग से नाराज पिता ने बेटी की हत्या कर शव के टुकड़े किए |

बहराइच में प्रेम प्रसंग से नाराज पिता ने बेटी की हत्या कर शव के टुकड़े किए

बहराइच में प्रेम प्रसंग से नाराज पिता ने बेटी की हत्या कर शव के टुकड़े किए

:   Modified Date:  September 2, 2024 / 11:23 PM IST, Published Date : September 2, 2024/11:23 pm IST

बहराइच (उप्र) दो सितंबर(भाषा) बहराइच जिले के मोतीपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में कथित तौर पर अपनी नाबालिग बेटी के प्रेम प्रसंग से नाराज़ पिता ने ‘झूठी शान की खातिर’ धारदार हथियार से उसकी बेरहमी से हत्या कर शव के टुकड़े कर दिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि मृतका की मां की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया गया।

अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) पवित्र मोहन त्रिपाठी ने बताया कि ‘‘ मोतीपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मणपुर मटेही गांव निवासी नईम खान ने 17 वर्षीय बेटी की कथित तौर पर धारदार हथियार से हत्या कर दी।’’

उन्होंने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक नईम खान इतने गुस्से मे था कि उसने बेटी का गला काटने के बाद शव से हाथ व पैर भी काटकर अलग कर दिए। वह हत्या के बाद क्षत-विक्षत शव के पास बैठा रहा।

एएसपी ने बताया कि किशोरी का प्रेम प्रसंग गांव के ही रहने वाले एक युवक से चल रहा था और वह पहले भी दो बार जा चुकी थी। उन्होंने बताया कि मोतीपुर व नानपारा कोतवाली में दर्ज मुकदमों में आरोपी युवक की गिरफ्तारी हुई थी और,आरोप पत्र दाखिल कर नाबालिग लड़की को भगाने के मामले में जेल भेजा गया था।

उन्होंने कहा कि पूछताछ में आरोपी नईम ने स्वीकार किया कि दो बार भागने के बाद उसका बेटी पर शक बना हुआ था। उसको संदेह था कि वह दोबारा घर से भाग सकती है।

अधिकारी ने बताया कि ‘‘नईम का कहना था कि बेटी के चाल चलन से उसके अन्य बच्चों पर भी विपरीत असर हो सकता है, इसलिए उसने धारदार हथियार से बेटी की हत्या कर दी। ’’

पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) हीरा लाल कनौजिया ने पत्रकारों को बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी पिता ने बताया कि उसकी चार बेटियां है, बड़ी बेटी के प्रेम प्रसंग का असर उसकी छोटी बेटियों पर पड़ रहा था। गांव में हर तरफ बदनामी हो रही थी, जिसके चलते उसे यह कदम उठाना पड़ा।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर विधिक कार्रवाई करेगी।

भाषा सं आनन्द धीरज

धीरज

 

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