अमरोहा के 'रेडियो मैन' राम सिंह बौद्ध ने बेजोड़ संग्रह के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में बनायी जगह |

अमरोहा के ‘रेडियो मैन’ राम सिंह बौद्ध ने बेजोड़ संग्रह के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में बनायी जगह

अमरोहा के 'रेडियो मैन' राम सिंह बौद्ध ने बेजोड़ संग्रह के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में बनायी जगह

:   Modified Date:  October 3, 2024 / 04:17 PM IST, Published Date : October 3, 2024/4:17 pm IST

अमरोहा (उप्र), तीन अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के अमरोहा निवासी ‘रेडियो मैन’ के नाम से मशहूर राम सिंह बौद्ध ने 1257 रेडियो सेट के बेजोड़ संग्रह की बदौलत ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में जगह बनाई है।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने अपनी वेबसाइट पर बताया, ”रेडियो का सबसे बड़ा संग्रह 1,257 रेडियो है जिसे 13 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश के गजरौला में राम सिंह बौद्ध (भारत) ने तैयार किया है।”

वेबसाइट के मुताबिक ”राम को अपना रेडियो संग्रह शुरू करने की प्रेरणा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को सुनने के बाद मिली।”

अड़सठ वर्षीय राम सिंह बौद्ध उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के गजरौला क्षेत्र के नैपुरा गांव के निवासी हैं। अपने पास 1257 अनोखे रेडियो संग्रहित करने पर उनका नाम 26 सितंबर 2024 को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया।

बौद्ध ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”18 फरवरी 2024 को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम गजरौला स्थित नैपुरा संग्रहालय आई थी, जहां विभिन्न प्रकार के 1400 रेडियो के संग्रह में से 1257 का चयन किया गया। इसके बाद 26 सितंबर 2024 को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में मेरा नाम दर्ज किया गया और 27 सितंबर को वेबसाइट पर प्रमाण पत्र अपलोड किया गया।”

उन्होंने बताया कि दिल्ली के आकाशवाणी भवन स्थित संग्रहालय को 137 रेडियो उपहार स्वरूप दिए गए हैं।

बौद्ध ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर आकाशवाणी में रेडियो संग्रहालय बनाने की मांग की थी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए बौद्ध की प्रशंसा करते हुए लिखा कि यह संग्रहालय रेडियो प्रेमियों की विरासत का संरक्षण है जो आने वाली पीढ़ियों को रेडियो की विकास यात्रा से परिचित कराएगा।

इससे पहले, 27 नवंबर 2023 को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अमरोहा जिले के ‘रेडियो मैन’ राम सिंह बौद्ध की रेडियो के प्रति प्रेम और संग्रहालय के लिए उनके प्रयासों की प्रशंसा की थी।

बौद्ध ने कहा कि ‘मन की बात’ में जिक्र होने के बाद रेडियो संग्रह में उनकी रुचि और बढ़ गई। उन्होंने बताया कि करीब 25 लाख रुपये की अनुमानित कीमत वाले इस अनूठे संग्रहालय में रेडियो के अलावा अन्य दुर्लभ वस्तुएं भी हैं।

बौद्ध ने बताया कि वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सीडब्ल्यूसी) में सुपरवाइजर के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वह अपना ज्यादातर समय रेडियो के साथ बिताते हैं।

उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि उन्हें जीवन भर इस बात का अफसोस रहेगा कि उन्हें शादी में रेडियो तोहफे में नहीं मिला।

बौध ने बताया कि बुश, मर्फी और फिलिप्स जैसी नामी कंपनियों के अलावा उनके संग्रहालय में सोनी और पैनासोनिक के रेडियो सबसे ज़्यादा संख्या में हैं। इनमें सबसे कीमती रेडियो 1920 में बना यूएस आर्मी रेडियो है जिसकी कीमत 20 हजार रुपये है।

उन्होंने बताया कि सबसे बड़ा रेडियो जर्मन ग्राउंड लिंक कंपनी का है जिसकी लंबाई डेढ़ मीटर है जबकि सबसे छोटा रेडियो सिर्फ़ एक इंच का है। इस तरह संग्रहालय में करीब 1,400 रेडियो मौजूद हैं।

रेडियो के अलावा बौद्ध के संग्रहालय में अनेक पुरानी चीजें भी मौजूद हैं। इनमें वर्ष 1931 में बनी पहली बोलती फिल्म की 200 रीलें, 300-400 साल पुरानी 300 पांडुलिपियां, ग्रामोफोन, शक, कुषाण काल से लेकर मुगल और ब्रिटिश शासन के 2500 सिक्के, 250 दुर्लभ पुस्तकें, 12 पॉकेट टीवी, स्टोव, 50 टेलीफोन, पेट्रोमैक्स लैंप, रसोई के सामान, समाचार पत्र, डाक टिकट, स्याही दान, 1890 से 2010 तक के पोस्टकार्ड, पुर्तगाली शासन के 150 डाक टिकट और ब्रिटिश शासन के 250 डाक टिकट, साथ ही एक हजार साल पुराने तांबे के आभूषण, 400 साल पुरानी हस्तलिखित श्रीमद्भागवत गीता और वर्ष 1900 की दुनिया की सबसे छोटी बाइबिल आदि शामिल हैं।

भाषा सं. सलीम नरेश रंजन

रंजन

 

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