अखिलेश यादव रात को जेपीएनआईसी पहुंचे, टिन की चादरों से प्रवेश रोकने के लिए सरकार की आलोचना की |

अखिलेश यादव रात को जेपीएनआईसी पहुंचे, टिन की चादरों से प्रवेश रोकने के लिए सरकार की आलोचना की

अखिलेश यादव रात को जेपीएनआईसी पहुंचे, टिन की चादरों से प्रवेश रोकने के लिए सरकार की आलोचना की

:   Modified Date:  October 11, 2024 / 01:08 AM IST, Published Date : October 11, 2024/1:08 am IST

(तस्वीरों सहित)

लखनऊ, 10 अक्टूबर (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव बृहस्पतिवार रात गोमती नगर में जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) पहुंचे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पर आरोप लगाया कि उसने प्रवेश रोकने के लिए मुख्य द्वार को टिन की चादरों से ढक दिया है।

शुक्रवार यानी 11 अक्टूबर को समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की जयंती है।

पिछले साल सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जेपीएनआईसी के द्वार पर चढ़कर परिसर में स्थित जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना पड़ा था।

अखिलेश यादव ने केंद्र के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह जेपीएनआईसी, समाजवादियों का संग्रहालय है, यहां जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा है और इसके अंदर ऐसी चीजें हैं जिनसे हम समाजवाद को समझ सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ये टिन की चादरें लगाकर सरकार क्या छिपा रही है? क्या ऐसी संभावना है कि वे इसे बेचने की तैयारी कर रहे हैं या किसी को देना चाहते हैं?’’

ऑनलाइन साझा किए गए एक वीडियो के अनुसार, यादव ने इमारत में पहुंचने पर एक चित्रकार से टिन की चादरों पर ‘समाजवादी पार्टी जिंदाबाद’ लिखने को कहा।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि देने के लिए कल केंद्र आएंगे, यादव ने कहा, ‘‘हम कल कार्यक्रम तय करेंगे। वे इसे कब तक टिन की चादरों के पीछे रखेंगे।’’

इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘यह है भाजपा राज में आजादी का दिखावटी अमृतकाल, श्रद्धांजलि न दे पाए जनता इसलिए उठा दी गयी दीवार।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने जो रास्ता बंद किया है, वह उनकी बंद सोच का प्रतीक है।’’

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा जय प्रकाश नारायण जी जैसे हर उस स्वतंत्रता सेनानी के लिए अपने मन में दुर्भावना और दुराव रखती है, जिसने भी देश की आजादी में भाग लिया था। ये देश की आजादी में भाग न लेने वाले भाजपाइयों के संगी-साथियों के अंदर का अपराध बोध है, जो उन्हें क्रांतिकारियों की जयंती तक पर लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित नहीं करने देता है।’’

इससे पहले दिन में, सपा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया जिसमें कुछ श्रमिक जेपीएनआईसी के मुख्य द्वार के सामने टिन की चादरें लगाते नजर आ रहे हैं और पार्टी ने इस कदम की निंदा की।

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर पार्टी ने कहा, ‘‘निकम्मी भारतीय जनता पार्टी सरकार, लोकतंत्र पर निरंतर प्रहार कर रही है।’’

पार्टी ने अवरोधक लगाने को भाजपा की ‘‘गंदी राजनीति’’ का नमूना बताया।

सपा ने कहा, ‘‘इस जनविरोधी सरकार ने लखनऊ में बने जेपीएनआईसी जैसे विकास कार्य को बर्बाद करके महापुरुषों का अपमान किया है। समाजवादी इन तानाशाहों के आगे झुकेंगे नहीं।’’

अखिलेश यादव ने भी ‘एक्स’ पर यही वीडियो साझा कर कहा, ‘‘किसी को नमन करने या श्रद्धांजलि देने से रोकना सुसभ्य लोगों की निशानी नहीं।’’

जेपीएनआईसी का उद्घाटन अखिलेश यादव ने 2016 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान किया था। हालांकि, 2017 में राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद इमारत का काम बंद हो गया।

इस केंद्र में जयप्रकाश नारायण व्याख्या केंद्र (संग्रहालय) के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी हैं।

भाषा चंदन जफर खारी सिम्मी

सिम्मी

 

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