संभल हिंसा पीड़ित से कोरे कागज पर दस्तखत लेने के मामले पर संज्ञान ले उच्चतम न्यायालय : अखिलेश |

संभल हिंसा पीड़ित से कोरे कागज पर दस्तखत लेने के मामले पर संज्ञान ले उच्चतम न्यायालय : अखिलेश

संभल हिंसा पीड़ित से कोरे कागज पर दस्तखत लेने के मामले पर संज्ञान ले उच्चतम न्यायालय : अखिलेश

:   Modified Date:  November 27, 2024 / 02:48 PM IST, Published Date : November 27, 2024/2:48 pm IST

लखनऊ, 27 नवंबर (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उच्चतम न्यायालय से संभल हिंसा में मारे गये एक व्यक्ति के भाई को पुलिस द्वारा मीडिया में बयान नहीं देने की धमकी देते हुए उससे कोरे कागज पर दस्तखत कराने के आरोपों पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया।

यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिये उच्चतम न्यायालय से मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध करते हुए एक खबर की प्रति भी संलग्न की।

खबर के मुताबिक, संभल हिंसा के दौरान मारे गये नईम नाम के व्यक्ति के भाई तस्लीम ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मीडिया में बयान नहीं देने की धमकी देते हुए उससे कोरे कागज पर अंगूठे का निशान लिया।

तस्लीम ने आरोप लगाया कि वह अनपढ़ है और उसे नहीं पता था कि पुलिस उस कोरे कागज पर क्या लिखेगी, जिस पर उससे अंगूठा लगवाया गया है।

यादव ने कहा, “किसी को धमकाकर कोरे कागज पर अंगूठा लगवाना भी गुनाह है। माननीय उच्चतम न्यायालय तत्काल संज्ञान ले और दोषी शासन-प्रशासन के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कर इस घटना के लिए जिम्मेदार सभी को सजा दे।”

उन्होंने कहा, “न्याय का मान न्यायालय ही सुनिश्चित करेगा।”

पुलिस ने यादव के आरोप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

संभल नगर के कोट पूर्वी मुहल्ले में रविवार को जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसक झड़प में नईम, बिलाल, नोमान और कैफ नामक युवकों की मौत हो गई थी।

हिंसा में मारा गया नईम मिठाई की दुकान करता था तो वहीं हयातनगर थाना क्षेत्र का रहने वाला बिलाल स्थानीय सुपरमार्केट में कपड़े की दुकान में काम करता था और नखासा थाना क्षेत्र का रहने वाला कैफ साप्ताहिक बाजार में सौंदर्य प्रसाधन का सामान बेचता था।

नईम के भाई तसलीम ने बताया, “जब यह घटना हुई तब वह (नईम) किराने का सामान लेने गया था। उसे घटना के बारे में पता भी नहीं चला। पुलिस ने उसे मार डाला।”

नईम के दो बेटे और दो बेटियां हैं।

संभल में अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को जामा मस्जिद का पहली बार सर्वे होने के बाद से ही संभल में तनाव की स्थिति बनी हुई थी।

अदालत ने जिस याचिका पर सर्वे का आदेश दिया उसमें दावा किया गया था कि जिस जगह जामा मस्जिद है, उसी स्थान पर पहले कभी हरिहर मंदिर था।

रविवार को सर्वेक्षण दल के दोबारा काम पर लौटने पर बड़ी संख्या में लोग मस्जिद के पास एकत्र हुए और नारेबाजी करने लगे, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी।

भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी और पथराव किया।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई जबकि सुरक्षाकर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों समेत करीब 25 लोग घायल हुए।

पुलिस ने इस मामले में अब तक सात मुकदमे दर्ज कर 25 लोगों को गिरफ्तार किया है।

संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और पार्टी के क्षेत्रीय विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है।

भाषा सलीम नरेश जितेंद्र

जितेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)