हाथरस (उप्र), 12 दिसंबर (भाषा) लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी हाथरस सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए बृहस्पतिवार सुबह यहां पहुंचे।
युवती (19) से 14 सितंबर 2020 को कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था। उसे इलाज के लिए अलीगढ़ और बाद में दिल्ली ले जाया गया, जहां 29 सितंबर 2020 को उसकी मौत हो गई।
कांग्रेस सांसद पूर्वाह्न करीब 11.15 बजे बूल गढ़ी गांव पहुंचे। पुलिस ने उनके अपेक्षित दौरे के मद्देनजर जिले के चंदपा इलाके में स्थित गांव और उसके आसपास पुलिसकर्मियों की तैनाती बढ़ा दी थी।
गांधी ने ‘एक्स’ पर कहा, ”आज हाथरस जाकर चार साल पहले हुई शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीड़ित परिवार से मिला। मुलाक़ात के दौरान उन्होंने जो बातें बताई उसने मुझे झकझोर कर रख दिया। पूरा परिवार आज भी डर के साए में जी रहा है। उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। वे स्वतंत्र रूप से कहीं आ-जा नहीं सकते हैं – उन्हें हर समय बंदूक और कैमरों की निगरानी में रखा जाता है।”
कांग्रेस नेता ने कहा, ”भाजपा सरकार ने उनसे (पीड़ित परिवार से) जो वादे किए थे, वे आज तक पूरे नहीं हुए हैं। न तो सरकारी नौकरी दी गई है और न ही उन्हें किसी दूसरी जगह घर देकर शिफ्ट करने का वादा पूरा किया गया है। पीड़ित परिवार को न्याय देने के बजाय, सरकार उन पर तरह-तरह से अत्याचार कर रही है। दूसरी तरफ़ आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “इस परिवार की हताशा और निराशा भाजपा द्वारा दलितों के ऊपर किए जा रहे अत्याचार की सच्चाई को दिखाते हैं लेकिन हम इस परिवार को यूं ही इनके हाल पर रहने को मजबूर नहीं होने देंगे। इन्हें न्याय दिलाने के लिए हम पूरी ताक़त के साथ लड़ेंगे।”
कांग्रेस के अनुसार, परिवार ने इस साल की शुरुआत में गांधी से संपर्क कर ‘न्याय’ पाने में मदद मांगी थी। कांग्रेस ने महिला के पिता द्वारा विपक्ष के नेता को लिखा एक पत्र साझा किया था।
गांधी ने गांव में पीड़िता के घर पर परिवार से करीब 35 मिनट तक बातचीत की। इसके बाद वह गांव में उनके दौरे के लिए एकत्र हुए पत्रकारों से बात किए बिना ही चले गए।
कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर एक पत्र साझा किया। पार्टी का कहना है कि यह पत्र इस साल की शुरुआत में पीड़ित परिवार द्वारा गांधी को लिखा गया था जिसमें न्याय पाने में उनकी मदद मांगी गई थी।
पत्र में महिला के पिता ने दावा किया कि परिवार को अब तक एक रिश्तेदार के लिए नौकरी और एक आवास नहीं मिला है जैसा कि घटना के बाद सरकार द्वारा उन्हें आश्वासन दिया गया था।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि तीन आरोपियों को रिहा कर दिया गया है जबकि केवल एक पर मुकदमा चल रहा है।
गांधी के दौरे के बाद कांग्रेस की हाथरस इकाई के पूर्व अध्यक्ष चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने संवाददाताओं से कहा, ‘राहुल गांधी का इस परिवार से रिश्ता है। वह इस परिवार के साथ खड़े थे और आगे भी खड़े रहेंगे। आज वह उनकी समस्याएं सुनने आए हैं। वह लगातार उनकी समस्याओं के लिए लड़ रहे हैं।’
पिछले महीने विपक्ष के नेता ने हिंसा प्रभावित संभल जिले में जाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें रोक दिया गया था। संभल के स्थानीय अधिकारियों ने क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए 10 दिसंबर तक जनप्रतिनिधियों सहित बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी।
हाथरस में, स्थानीय कांग्रेस नेता चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने कहा, ‘‘राहुल जी और प्रियंका जी ऐसे नेता हैं जो देश भर में पीड़ित लोगों के संपर्क में रहे हैं। राहुल जी इस परिवार के संपर्क में भी रहे हैं।’’
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी ‘‘भ्रमित हैं’’ और ‘‘मामले की स्थिति से अवगत नहीं हैं।’’
पाठक ने कहा कि सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) पहले ही इस मामले की जांच कर चुकी है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन में किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाता है।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘चाहे संभल हो या हाथरस, वह (गांधी) सिर्फ सुर्खियों में रहने के लिए वहां जाते रहते हैं, किसी और वजह से नहीं।’’
इस बीच, समाजवादी पार्टी की सांसद डिम्पल यादव ने दिल्ली में संसद के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में हाथरस के परिवार से नेता प्रतिपक्ष की मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में सरकार और प्रशासन ने राज्य में लोगों के भाईचारे को खराब कर दिया है।
डिम्पल ने कहा, ”हम आज अपने संविधान की विरासत का जश्न मना रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करने का सवाल है।”
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में संसद में ऐसे सभी मुद्दे उठाये जाएंगे।
उप्र के अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ और हज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने हाथरस दौरे के लिए राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि अगर उन्हें मामले के तथ्यों की जानकारी नहीं है तो उन्हें पता होना चाहिए कि सीबीआई जांच बहुत पहले हो चुकी है।
राजभर ने कहा, ‘‘अगर उन्हें किसी उच्च जांच अधिकारी के बारे में पता है तो उन्हें हमें बताना चाहिए। इस तरह के दौरे कांग्रेस की हताशा को दर्शाने वाली महज नौटंकी हैं।’’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने तीन अक्टूबर 2020 को पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी और घोषणा की थी कि वे मृतका को न्याय दिलाने के लिए लड़ेंगे।
युवती (19) से 14 सितंबर, 2020 को कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था। उसे इलाज के लिए अलीगढ़ और बाद में दिल्ली ले जाया गया, जहां 29 सितंबर, 2020 को उसकी मौत हो गई।
तीन सितंबर की सुबह उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उसके परिवार ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया था।
हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि दाह संस्कार ‘‘परिवार की इच्छा के अनुसार’’ किया गया था। इस संबंध में शुरुआती पुलिस जांच के बाद सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी और चारों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
भाषा जफर किशोर सलीम नोमान
नोमान
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