वाराणसी (उप्र), अक्टूबर (भाषा) बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में विभिन्न छात्र संगठनों के 13 छात्रों को आईआईटी की छात्रा से सामूहिक बलात्कार की घटना के खिलाफ कथित तौर पर विरोध प्रदर्शन करने के बाद 15 से 30 दिनों की अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है।
निलंबित छात्र विभिन्न छात्र संगठनों के सदस्य हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने निलंबन का कारण ‘अनुशासनहीनता’ और शैक्षणिक वातावरण को बाधित करना बताया है।
विश्वविद्यालय के सहायक जनसंपर्क अधिकारी (एपीआरओ) चंद्रशेखर ने कहा, ‘स्थायी समिति के निष्कर्षों के आधार पर छात्रों को 15 से 30 दिन की अवधि के लिए निलंबित करने को मंजूरी दी गई। निलंबन की अवधि के दौरान छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’
बीएचयू के विभिन्न छात्र समूहों के सदस्यों ने पिछले साल नवंबर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-बीएचयू की छात्रा से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद विरोध प्रदर्शन किया था।
छात्र संगठन भगत सिंह स्टूडेंट फ्रंट के अनुपम कुमार ने बुधवार को कहा, ‘हमारे सदस्य विश्वविद्यालय के लंका गेट पर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तभी उन पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने हमला कर दिया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।’
इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया और घटना की जांच के लिए एक स्थायी समिति गठित की।
एक अन्य छात्र समूह के इकाई अध्यक्ष राजीव नयन ने पुष्टि की कि उन्हें और उनके समूह के तीन अन्य छात्रों को निलंबित कर दिया गया है।
निलंबन अवधि के दौरान छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर या छात्रावासों में प्रवेश करने से रोक दिया जाता है।
निलंबन से छात्र कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया है और कई लोगों ने प्रशासन की अनुचित सजा और यौन हिंसा के पीड़ितों के लिए समर्थन की कमी की आलोचना की है।
भाषा सं जफर जोहेब
जोहेब
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