Maa Mahamaya Corridor Ratanpur Work Plan: बिलासपुर: अयोध्या, काशी व उज्जैन महाकाल कॉरिडोर की तरह छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर को भी कॉरिडोर के रूप में डेवलप किया जाएगा। सरकार ने इसकी प्लानिंग शुरू कर दी है। एनबीसीसी के बैठक में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने इस संबंध में अधिकारियों को विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। प्लानिंग के तहत कॉरिडोर के रूप में मां महामाया मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए कई नई सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
दरअसल, बिलासपुर- कोरबा मुख्य मार्ग में स्थिति 51 शक्तिपीठों में एक आदिशक्ति मां महामाया देवी की नगरी रतनपुर का प्राचीन और गौरवशाली इतिहास है। राजा रत्नदेव प्रथम ने रतनपुर के नाम से अपनी राजधानी बनाई थी। यहां आदिशक्ति महामाया देवी का दिव्य धाम और प्राचीन मंदिर है। हर साल यहां देशभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं आते हैं। लिहाजा जन आस्था को देखते हुए अयोध्या, काशी और उज्जैन महाकाल कॉरिडोर की तरह महामाया मंदिर कॉरिडोर बनाने की दिशा में भी विचार किया जा रहा है।
Maa Mahamaya Corridor Ratanpur Work Plan: केंद्रीय राज्यमंत्री और बिलासपुर सांसद तोखन साहू ने बीते दिनों इसे लेकर केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात कर रतनपुर में कॉरिडोर बनाने की मांग भी की थी। जिसके बाद अब केंद्रीय राज्य मंत्री ने एनबीसीसी (राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम) के अधिकारियों के साथ बैठक कर इसकी विस्तृत योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। योजना के तहत महामाया मंदिर रतनपुर का कायाकल्प होगा, सुविधाओं में विस्तार होगा। श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए नई सुविधाएं विकसित की जाएंगी। माना जा रहा है, इससे राज्य में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।