August- september me ghoonme ki jagha: भारत का कोना-कोना प्राकृतिक सौंदर्य और नैसर्गिक खूबसूरती से भरा हुआ है। यहां पर ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के साथ कई सारे ऐसे प्राकृतिक स्थान मौजूद हैं, जो हमेशा से ही पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करते आए हैं। अगर आप प्राकृतिक खूबसूरती के बीच किसी शांत वातावरण से भरी हुई जगह की तलाश कर रहे हैं, तो आज हम आपको एक ऐसी ही सुंदर जगह के बारे में बताते हैं।
August- september me ghoonme ki jagha: अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं और हरियाली के बीच रहना पसंद करते हैं, तो आपको पालमपुर हिल स्टेशन का दीदार जरूर करना चाहिए। इस जगह को उत्तर भारत की चाय की राजधानी के रूप में पहचाना जाता है। यह छोटा सा गांव है जहां की प्राकृतिक खूबसूरती अच्छी अच्छी जगहों को मात दे सकती है।
August- september me ghoonme ki jagha: उत्तर भारत में कांगड़ा जिले के धौलाधार पहाड़ों से घिरी हुई ये जगह हरे-भरे जंगलों, क्रिस्टल की तरह साफ पानी, प्राचीन मठ और मंदिरों को निहारने के लिए बिल्कुल बेस्ट है। ये जगह आपको शहर की भीड़भाड़ और कोलाहल से दूर असीम शांति का अहसास कराएगी। यहां पर आप कई जगहों का दीदार कर सकते हैं।
August- september me ghoonme ki jagha: पालमपुर से 30 किलोमीटर की दूरी पर बिलिंग चोटी मौजूद है, जो बहुत ही खूबसूरत जगह है। यहां से कांगड़ घाटी और धौलाधार पहाड़ों के खूबसूरत नजारे दिखाई देते हैं। यहां पहुंचेंगे तो आपका वेकेशन बहुत ही यादगार बन जाएगा।
August- september me ghoonme ki jagha: कांगड़ा घाटी के तल पर शेरा ब्लिंग एक बहुत ही प्रसिद्ध जगह है, जोकि बौद्ध मठ है। यहां पर स्कूल, कॉलेज, पुस्तकालय, संग्रहालय, प्रदर्शनी हॉल, औषधालय के साथ एक तीर्थ स्थल भी मौजूद है। ये जगह देवदार के घने जंगलों के अंदर स्थित है, जहां जाने के बाद आपको अद्भुत शांति का एहसास होने वाला है।
August- september me ghoonme ki jagha: चामुंडा देवी मंदिर पालमपुर के सबसे प्रसिद्ध और पवित्र स्थान में से एक है। यह जगह 51 शक्तिपीठों में गिनी जाती है और इस मंदिर का इतिहास 700 साल पुराना बताया जाता है। यह घने जंगल और पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है। सात मातृकाओं में से एक को समर्पित यह मंदिर देवी दुर्गा की भौं से विकसित हुआ था। यहां कई दर्शनार्थी पहुंचते हैं।
August- september me ghoonme ki jagha: पालमपुर में चाय के कई बागान है लेकिन यहां का बुंदला टी एस्टेट सबसे प्रसिद्ध जगह में से एक है। यहां पर सुगंधित चाय की पत्तियों के साथ हरियाली के बीच गुजरते समय आपको आलीशान एहसास होने वाला है। इसे 1807 में स्थापित किया गया था और यहां जाने पर आपको अनूठा अनुभव मिलेगा।
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