climb Mount Kailas रायपुर। हिंदू धर्म में कैलाश पर्वत का बहुत महत्व है, क्योंकि यह भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को अभी तक 7000 से ज्यादा लोग फतह कर चुके हैं, जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है, लेकिन कैलाश पर्वत पर आज तक कोई नहीं चढ़ पाया है जबकि इसकी ऊंचाई एवरेस्ट से लगभग 2000 मीटर कम यानी 6638 मीटर ही है।
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climb Mount Kailas चीन ही नहीं रूस भी कैलाश के आगे अपने घुटने टेक चुका है। सन 2007 में रूसी पर्वतारोही सर्गे सिस्टिकोव ने अपनी टीम के साथ माउंट कैलास पर चढ़ने की कोशिश की थी। सर्गे ने अपना खुद का अनुभव बताते हुए कहा था कि कुछ दूर चढ़ने पर उनकी और पूरी टीम के सिर में भयंकर दर्द होने लगा।
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फिर उनके पैरों ने जवाब दे दिया। उनके जबड़े की मांसपेशियां खिंचने लगीं और जीभ जम गई। मुंह से आवाज़ निकलना बंद हो गई। चढ़ते हुए मुझे महसूस हुआ कि वह इस पर्वत पर चढ़ने लायक नहीं हैं। उन्होंने फौरन मुड़कर उतरना शुरू कर दिया। तब जाकर उन्हें आराम मिला।
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यह अब तक सबके लिए रहस्य ही बना हुआ है। कैलाश पर्वत के बारे में अक्सर ऐसी बातें सुनने में आती हैं कई पर्वतारोहियों ने इस पर चढ़ने की कोशिश की, लेकिन इस पर्वत पर रहना असंभव था क्योंकि वहां शरीर के बाल और नाखून तेजी से बढ़ने लगते हैं। इसके अलावा कैलाश पर्वत बहुत ही ज्यादा रेडियोएक्टिव भी है।
लोगों का मानना है कि कैलाश पर्वत पर भगवान शिव अपने परिवार के साथ रहते हैं और इसीलिए कोई जीवित इंसान वहां ऊपर नहीं पहुंच सकता। मरने के बाद या जिसने कभी भी कोई पाप न किया हो, केवल वही कैलाश फतह कर सकता है।
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