नई दिल्ली: लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन बिल पेश कर दिया गया है। जिसके बाद संसद में जोरदार बहस हो रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर कहा, मैं यहां जो विधेयक लेकर आया हूं वह उन लोगों को न्याय दिलाने और उनका अधिकार दिलाने से संबंधित है जिनके खिलाफ अन्याय हुआ, जिनका अपमान हुआ और जिनकी उपेक्षा की गई। किसी भी समाज में जो लोग वंचित हैं उन्हें आगे लाना चाहिए, यही भारत के संविधान की मूल भावना है। उन्हें इस तरह से आगे लाना होगा जिससे उनका सम्मान कम न हो। अधिकार देना और सम्मानपूर्वक अधिकार देना दोनों में बहुत अंतर है। इसलिए इसका नाम कमजोर और वंचित वर्ग की बजाय अन्य पिछड़ा वर्ग किया जाना जरूरी है।
उन्होंने कहा, “…पहले जम्मू में 37 सीटें थीं, अब 43 हैं। कश्मीर में पहले 46 थीं, अब 47 हैं और PoK में 24 सीटें आरक्षित कर दी गई हैं क्योंकि PoK हमारा है”
#WATCH केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर कहा, “…पहले जम्मू में 37 सीटें थीं, अब 43 हैं। कश्मीर में पहले 46 थीं, अब 47 हैं और PoK में 24 सीटें आरक्षित कर दी गई हैं क्योंकि PoK हमारा है…” pic.twitter.com/46hE2aDTKb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 6, 2023
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा वो कहते हैं, “कुछ लोगों ने इसे कमतर आंकने की भी कोशिश की…किसी ने कहा कि सिर्फ नाम बदला जा रहा है। मैं उन सभी से कहना चाहूंगा कि अगर हमारे अंदर थोड़ी सी भी सहानुभूति है तो हमें देखना होगा कि सम्मान जुड़ा हुआ है” नाम को. ये वही लोग देख सकते हैं जो इन्हें अपने भाई की तरह समझकर आगे लाना चाहते हैं। जो इसे अपने राजनीतिक फायदे के लिए वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करते हैं…नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जिनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ और आज देश के प्रधानमंत्री बन गए। वह गरीबों का दर्द जानते हैं…”
बता दे कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तरफ से आज दो बिल संसद पेश किये गये है। इनमें पहला जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 जबकि दूसरा जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 है। पहला बिल जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कश्मीरी प्रवासियों और पीओके से विस्थापित लोगों के लिए सीट रिजर्व रखने का प्रावधान करता है. वहीं, दूसरा बिल वंचित और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान करता है।