छात्रों के लिए क्यों रोल मॉडल हैं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव? IBC24 के एडिटर इन चीफ रविकांत मित्तल ने बताई तीन वजह |

छात्रों के लिए क्यों रोल मॉडल हैं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव? IBC24 के एडिटर इन चीफ रविकांत मित्तल ने बताई तीन वजह

IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2024: IBC24 के एडिटर इन चीफ रविकांत मित्तल ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से विषयों पर सवाल पूछे और चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उनके साथ अपने कई रोचक अनुभव भी शेयर किया।

Edited By :   Modified Date:  July 18, 2024 / 10:22 PM IST, Published Date : July 18, 2024/9:47 pm IST

भोपाल। IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2024, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप प्रोग्राम के दौरान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव की क्लास का भी एक सेगमेंट रखा गया था। जिसमें आईबीसी24 के एडिटर इन चीफ रविकांत मित्तल ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से विषयों पर सवाल पूछे और चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उनके साथ अपने कई रोचक अनुभव भी शेयर किया। जिसके बाद कई बार पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

सवालों की श्रृंखला शुरू करते हुए आईबीसी24 के एडिटर इन चीफ रविकांत मित्तल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आप सभी छात्रों के लिए बहुत बड़े रोल मॉडल हैं, क्योंकि इसके दो कारण हैं। चुनाव के बाद हमने देखा कि किस तरीके से आउट ऑफ सिलेबस आकर के डॉ मोहन यादव मुख्यमंत्री बन गए। तो आउट ऑफ सिलेबस जब सवाल आता है तो हम सब को परेशानी होती है और इसमें सबक यह है कि अगर कोई चीज आउट ऑफ सिलेबस आ जाए तो इसमें परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ऐसे में आदमी मुख्यमंत्री भी बन सकता है।

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दूसरा चीज यदि आप बैकबेंचर हैं तो भी मुश्किल बात नहीं है। क्योंकि हमने देखा कि मुख्यमंत्री का चुनाव करते वक्त जब फोटो आई थी। तब हमने देखा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव पीछे तीसरी लाइन में खड़े हैं। लेकिन आज सबसे आगे आ गए और हमारे बीच वे मुख्यमंत्री बनकर बैठे हैं। तीसरी बात यह है कि बच्चों के लिए गौर करने वाली बात है आपको मालूम होना चाहिए कि मुख्यमंत्री जी कितना पढ़े हुए हैं। उन्होंने बीएससी किया, उसके बाद एलएलबी किया, फिर उसके बाद एमए किया, फिर उसके बाद एमबीए किया, उसके बाद पीएचडी किया है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या इतनी डिग्री लेने के बाद कोई आदमी मुख्यमंत्री बनता है? या कुछ और बनता है ? यह सवाल सुनते ही सदन में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।

वहीं इस सवाल का जवाब देते हुए सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि आपने प्रश्नों की शुरुआत ही गलत की है, मैं उसे थोड़ा सुधारना चाहूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 12th के बाद डिग्री होती है या नहीं ? तो शुरूआत में अर्बन डेवलपमेंट में अध्यक्ष रहा, उज्जैन विकास प्राधिकरण के बाद एमपी टूरिज्म का भी अध्यक्ष रहा, राज्य मंत्री का दर्जा रहा, फिर विधायक बना, फिर उच्च शिक्षा मंत्री बना तो उसके बाद क्या बचता है? उसके बाद मुख्यमंत्री ही बचता है तो यह आउट ऑफ सिलेबस नहीं है।

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सीएम ने कहा कि आजकल तो होता ही ऐसा है कि प्रश्न बनाने वाले भी गलती करते हैं इसलिए आपकी गलती पकड़ी गई, हमने उसको सही किया है। इस पर एडिटर इन चीफ रविकांत मित्तल ने कहा कि इस बात का मतलब यही निकलता है कि एक पढ़ा लिखा आदमी आपको कैसे करेक्ट कर सकता है, आपके शिक्षक भी इसी तरह के होने चाहिए।

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव समेत राज्य सरकार के 4 मंत्रियों ने शिरकत की। निर्मला भूरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री म.प्र, धर्मेन्द्र सिंह लोधी, संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और बंदोबस्ती राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)। श्रीमती कृष्णा गौड़, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, मध्य प्रदेश और नरेंद्र शिवाजी पटेल, राज्य मंत्री लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, मप्र शासन ने अपने अपने विचार रखा। इस दौरान उन्होंने राज्य की भाजपा सरकार और सीएम मोहन यादव की प्रशंसा की और कहा कि प्रदेश में बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने कई प्रयास किए और कई कार्यक्रमों के ​जरिए उन्हे सशक्त बनाने का काम किया।