Swarna Sharda Scholarship 2024: पिता को आदर्श मान प्रथा कुशवाहा ने रोजाना की 7 से 8 घंटे की पढ़ाई, जिले में टॉप करने पर मिला IBC24 स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप |

Swarna Sharda Scholarship 2024: पिता को आदर्श मान प्रथा कुशवाहा ने रोजाना की 7 से 8 घंटे की पढ़ाई, जिले में टॉप करने पर मिला IBC24 स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप

Swarna Sharda Scholarship 2024: पिता को आदर्श मान प्रथा कुशवाहा ने रोजाना की 7 से 8 घंटे की पढ़ाई, जिले में टॉप करने पर मिला IBC24 स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप

Edited By :   Modified Date:  July 18, 2024 / 09:00 PM IST, Published Date : July 18, 2024/8:25 pm IST

भोपाल।Swarna Sharda Scholarship 2024: छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित समाचार चैनल IBC24.. खबरों के साथ-साथ लगातार अपने सामाजिक सरोकारों को भी निभाता आया है। समय-समय पर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कर अपने विधाओं में बेहतरीन कार्य कर रहे लोगों को सम्मानित करता रहा है। इन कार्यक्रमों में एक स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप कार्यक्रम भी शामिल है। जिसके जरिए प्रदेश के होनहार बेटे-बेटियों का हौसला बढ़ाने के लिए प्रदेश का नंबर वन चैनल IBC24 स्कॉलरशिप राशि प्रदान करता है। इस वर्ष भी मध्यप्रदेश के स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस बार भी मध्यप्रदेश की 12वीं की बोर्ड परीक्षा में स्टेट टॉपर बेटी को 1 लाख रुपए, उनके स्कूल को 1 लाख रुपए और जिले में प्रथम आने वाली बेटियों को 50-50 हजार रुपए प्रदान किया गया।  इस बार संभाग में टॉप करने वाले बेटों को यह राशि प्रदान की गई।

Read More: Swarna Sharda Scholarship 2024: रोजाना 9 से 10 घंटे की पढ़ाई कर आकांक्षा जोशी ने जिले में किया सम्मानित टॉप, माता-पिता व शिक्षक को दिया सफलता का श्रेय 

इसी क्रम में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज सीएम डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में टॉप करने वालें 55 जिलों की छात्राओं और 10 संभागों के छात्रों को स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप से सम्मानित किया। सीएम मोहन यादव ने इस दौरान सभी छात्र और छात्रों को सिर में हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद दिया और उन्हें आगे बढ़ने की शुभकामनाएं दी। वहीं इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया और मंत्री कृष्णा गौर भी मौजूद रहे।

Read More: IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2024 : IAS ऑफिसर बनकर परिवार का नाम रोशन करना चाहती है गीता लोधी, IBC24 ने स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप से किया सम्मानित 

बता दें कि इस दौरान सीएम मोहन यादव ने स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप से खरगोन जिले के मंडलेश्वर निवासी छात्रा प्रथा कुशवाहा को सम्मानित किया। प्रथा कुशवाहा ने 12 वी के रिजल्ट में पूरे खरगोन जिले में टॉप किया है। प्रथा कुशवाहा ने भक्तानन्द सरस्वती एजुकेशन पार्क हायर सेकेण्डरी स्कूल महेश्वर में प्रथा ने 12 वीं की कक्षा में जीव विज्ञान संकाय में 500 अंको में से 468 अंक प्राप्त कर छात्राओं की रेंक में पूरे जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। प्रथा ने न केवल अपने माता पिता बल्कि स्कूल और जिले का भी नाम रोशन किया है। दरअसल, प्रथा कुशवाहा के पिता राकेश कुमार कुशवाहा महेश्वर तहसील के ही शासकीय हाई स्कूल कतरगांव में माध्यमिक शिक्षक के रूप में पदस्थ है। जबकि माता आरती कुशवाहा गृहणी के रूप में परिवार का ध्यान रखती है। वहीं छोटा भाई चौथी क्लास में पढ़ रहा है।

Read More: IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2024: अंतरिक्ष में अपना करियर बनाना चाहती है किसान की बेटी परिधि, IBC24 के स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप से मिलेगी मदद 

वहीं पिता शिक्षक होने से प्रथा के घर में टीचिंग का अच्छा माहौल होने से प्रथा को पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं आई। खास बात यह है कि छात्रा प्रथा कुशवाहा ने बिना कोचिंग जाए 10 वीं में 96 प्रतिशत अंक और कक्षा 12 वी में 93.6% अंक प्राप्त किए है। बचपन से पढ़ाई में अव्वल रही मीडिल में भी अव्वल 10 वीं में 96 प्रतिशत अंक प्राप्त किए है। छात्रा प्रथा कुशवाहा की बचपन से पढ़ाई के साथ साथ अच्छी और रोचक किताबें पढ़ना और बास्केटबॉल खेल में रुचि रही है। कक्षा 12 वीं में अव्वल आने के बाद प्रथा कुशवाहा नीट की तैयारी कर आगे चलकर डॉक्टर बनकर गांव में सेवा करना चाहती है।

पिता को मानती थी आर्दश

Swarna Sharda Scholarship 2024:  प्रथा की सफलता का राज यह है कि बिना कोचिंग जाए वह रोज 7 से 8 घंटे घर पर पढ़ाई करती थी। इसी का नतीजा है कि आज उसने पूरे जिले में अपना नाम रोशन किया है। पढ़ाई के पीछे माता पिता और शिक्षको का पूरा सपोर्ट रहा है। छात्रा अपने शिक्षक पिता राकेश कुशवाहा को ही अपना आदर्श मानती है। जिनकी बदौलत आज पूरे परिवार का नाम रोशन किया है। प्रथा कुशवाहा प्रतिदिन मंडलेश्वर से महेश्वर निजी स्कूल में बस से आना जाना करती थी। उसके बाद भी बिना थके वह केवल अपनी पढ़ाई पर ही ध्यान केंद्रित करती थी। घर में प्रथा नाम रखने के पीछे भी रोचक कहानी है। पिता राकेश कुशवाहा के यहां सभी बड़ी बहनों के घर पहली संतान लड़किया ही पैदा हुई थी। इसी के चलते प्रथम संतान लड़की होने से घर में लड़की होने की प्रथा चल पड़ी। बस इसीलिए पिता राकेश द्वारा इसका नाम भी प्रथा रख दिया। जो नाम के साथ साथ गुण में भी अपना नाम रोशन कर रही है।

 

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

खबरों के तुरंत अपडेट के लिए IBC24 के Facebook पेज को करें फॉलो