Guna's Vishakha got a scholarship of one lakh rupees

IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2024 : बाधाओं के बाद भी नहीं छोड़ी पढ़ाई, मां के हौसलों ने दिया संबल, गुना की विशाखा को मिला एक लाख रुपए का स्कॉलरशिप

IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2024 : बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से IBC24 न्यूज चैनल हर साल होनहार बेटे-बेटियों को

Edited By :   Modified Date:  July 18, 2024 / 08:26 PM IST, Published Date : July 18, 2024/8:26 pm IST

भोपालः IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2024 : छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित समाचार चैनल IBC24 खबरों के साथ-साथ लगातार अपने सामाजिक सरोकारों को भी निभाता आया है। बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से IBC24 न्यूज चैनल हर साल होनहार बेटे-बेटियों को स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप देता है। इस बार भी मध्यप्रदेश की 12वीं की बोर्ड परीक्षा में स्टेट टॉपर बेटी को 1 लाख रुपए, उनके स्कूल को 1 लाख रुपए और जिले में प्रथम आने वाली बेटियों को 50-50 हजार रुपए प्रदान किया गया। इस बार संभाग में टॉप करने वाले बेटों को यह राशि प्रदान की गई। गुरुवार को आयोजित सम्मान समारोह में सीएम डॉ. मोहन यादव सभी विद्यार्थियों को चेक प्रदान किया। इस दौरान शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया और मंत्री कृष्णा गौर उपस्थित रही।

स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप पाने वाली छात्राओं में गुना जिले की विशाखा ओझा भी शामिल है। विशाखा ने कड़ी मेहनत और रात दिन की पढ़ाई के बाद यह मुकाम हासिल किया है। हर रोज सेल्फ स्टडी करना, 10 से 12 घंटे पढ़ाई करना और स्कूल में टीचरों से समय-समय पर गाइडेंस लेना। उसकी दैनिक दिनचर्या में शामिल था। विशाखा की मां सिलाई का काम करती है। पिता का स्वर्गवास हो जाने के बाद उनकी मां ने ही उनका पालन पोषण कर पढ़ाई के लिए विशाखा का हौसला बढ़ाया। समय-समय पर अपनी मां सावित्री देवी से मिले मार्गदर्शन और रात दिन मेहनत करके अपने माता-पिता का नाम रोशन करने की सोच के साथ उसने परीक्षा की तैयारी की। अधिक समय तक पढ़ाई करने के कारण उसकी आंखें थक जाती थी। कभी कभी आँखों पर सूजन तक आ जाती थी। लेकिन उसने हार नहीं मानी। सिलेक्टेड सिलेबस करने की जगह NCERT का पूरा सिलेबस कंप्लीट किया।

IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2024 : शिक्षा का मतलब यही है। स्टूडेंट को हर चैप्टर का डीप नॉलेज होना चाहिए। और यही शिक्षा जीवन में काम आती है। इन्हीं विचारों के साथ विशाखा ने कड़ी मेहनत लगन से परीक्षा दी और ज़ब परिणाम घोषित हुए तो सबसे पहले उसे जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर सिसोदिया व एक्सीलेंस स्कूल के प्रिंसिपल HN जाटव ने उसे जिला टॉप करने की बधाई दी। तो वह खुशी से खिलखिला उठी। इसके बाद स्कूल के टीचरों ने व तमाम मिलने वालों ने उसकी प्रशंसा की हौसला बढ़ाया। स्कूल में विशाखा के टॉप करने की ख़ुशी में उसका फूलों से स्वागत किया गया। मिठाई बांटी गई। विशाखा को सम्मानित किया गया। विशाखा कहती है कि मैंने अपनी मां का स्ट्रगल देखा। फ्री समय में में भी सिलाई में अपनी मां का हाथ बटाती थी। पढ़ाई के साथ-साथ काम करना उसे अच्छा लगता था। अब मेरा अगला लक्ष्य बीटेक करके इंजीनियर बनने का है। शिक्षा वही होती है जिसमें डीप नॉलेज हो और शिक्षा के दम पर ही किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ा जा सकता है। छात्र देश का भविष्य होते हैं। और आज अच्छी शिक्षा के जरिये नई नई तकनीक विकसित की जा सकती है। जिससे हमारा देश और प्रगति कर सकता है। इसलिए हर स्टूडेंट को अच्छी शिक्षा हासिल करना बहुत जरूरी है। ताकि वह स्वयं भी आगे बढ़ सके और अच्छा मकाम हासिल करके अपने देश की तरक्की में योगदान दे सके।और देश के लिए गौरांवित कर देने वाला काम कर सके। तो ऐसा एक लक्ष्य हर एक भारतीय स्टूडेंट के जहन में होना चाहिए।

‘बेटियों को हौसलों की जरूरत’

विशाखा की इस सफलता पर उसकी मां का कहना है कि बेटियों को अच्छे संस्कार और अच्छी शिक्षा दी जाए तो वह अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हैं। और जीवन के हर पथ पर आगे बढ़ सकती हैं। सिर्फ उन्हें हौसला देने की जरूरत है। विशाखा इस सफलता मैं और मेरे परिवार के लोग खुश है।

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