Success Story of 12th Topper ratna dewangan

IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : 12वीं टॉपर रत्ना देवांगन ने बताई सफलता ​के मूल मंत्र, परिवार और शिक्षक मिला साथ

12वीं टॉपर रत्ना देवांगन ने बताई सफलता ​के मूल मंत्र! IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022: Success Story of 12th Topper ratna dewangan

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Modified Date: November 28, 2022 / 10:08 PM IST
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Published Date: July 7, 2022 6:33 am IST

रायपुर। अपने सामाजिक सरोकारो को निभाते हुए IBC24 समाचार चैनल हर साल स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप सम्मान से जिले की टॉपर बेटियों को सम्मानित करता है। इस साल भी IBC24 समाचार चैनल की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप दिया जा रहा है। IBC24 की ओर से दी जाने वाली स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप केवल टॉपर बेटियों को ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक संभाग के टॉपर बेटों को भी दी जाएगी। बेमेतरा जिले की रत्ना देवांगन ने जिले का मान बढ़ाया है। 12वीं परीक्षा में 459 अंक हासिल किया। रत्ना देवांगन ने सरस्वती शिशु मंदिर, नवागढ़ में अपना पढ़ाई पूरी की है।

 

रत्ना देवांगन “एक व्यक्ति सिर्फ सफल नहीं होता, उसके पीछे कई लोग होते हैं, वे भी उसके साथ सफल होते हैं। मेरे साथ भी मेरे परिवार, स्कूल टीचर व भाई-बहन हमेशा रहे हैं।“

रत्ना को बनना है चार्टर्ड एकाउंटेंट

रत्ना देवांगन की जुबानी…बड़ी मंजिलों के लिए अच्छे रास्ते और अच्छे रास्तों के लिए अच्छी तैयारी चाहिए होती है। मैंने यही किया। मुझे मालूम था कि जैसी पढ़ाई मैंने आठवीं तक की है वैसे पढ़ाई से 12वीं में टॉपर बनना कठिन होगा। आज की इस प्रतियोगी और प्रतिस्पर्धी दुनिया में कुछ भी बिना संघर्ष के नहीं मिल सकता। इस मूल मंत्र को जीवन में उतारा और आगे चल पड़ी। सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई की रणनीति कामयाब होती है। सुबह का वक्त पढ़ने के लिए सबसे अच्छा और पक्का होता है। इस दौरान सीखा, पढ़ा, लिखा या सोचा गया दिमाग में ज्यादा अच्छे से जाता है। इसलिए मैंने सुबह जल्दी उठकर पढ़ने की नीति को अपनाया। इसके साथ ही शाम को स्कूल से लौटकर भी कम से कम 2-3 घंटे तो देने ही चाहिए। यही मैंने किया। अपनी ओर से कोशिश यही रही है कि मैं अपनी पढ़ाई पूरे मनोयोग से कर पाऊं। मेरा सपना है सीए बनकर देश की सेवा करूं। पापा की छोटी सी टेलरिंग की दुकान है। मां घरेलू महिला हैं। भाई-बहन का मेरी इस मेहनत में खूब सहयोग रहा। सभी ने मुझे हर समय विषयों पर काम करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही घर में माहौल बनाया कि मैं बिना किसी व्यवधान के पढ़ पाऊं। स्कूल टीचर्स ने समय-समय पर जब जैसी जरूरत पड़ी मदद की। मैं मानती हूं जब कोई एक व्यक्ति सफल होता है तो सिर्फ वही सफल नहीं होता, उसके पीछे कई लोग होते हैं। आईबीसी-24 चैनल अक्सर देखती हूं। इसकी ओर से दी जाने वाली स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप पाकर मैं अपने आपको गौरवान्वित महससू कर रही हूं।