IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022

IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : किसान की बेटी मंगलवती का ख्वाब, बनना चाहती हैं कलेक्टर

IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : किसान की बेटी मंगलवती का ख्वाब, बनना चाहती हैं कलेक्टर

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 03:59 AM IST
,
Published Date: July 7, 2022 12:30 pm IST

रायपुर। IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : अपने सामाजिक सरोकारो को निभाते हुए IBC24 समाचार चैनल हर साल स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप सम्मान से जिले की टॉपर बेटियों को सम्मानित करता है। इस साल भी IBC24 समाचार चैनल की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप दिया जा रहा है। IBC24 की ओर से दी जाने वाली स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप केवल टॉपर बेटियों को ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक संभाग के टॉपर बेटों को भी दी जाएगी। कोंडागांव जिले की मंगलवती पांडे ने जिले का मान बढ़ाया है। 12वीं परीक्षा में 434 अंक हासिल किया। मंगलवती पांडे ने शा. हा. से. स्कूल परोंड, कोंडागांव में अपना पढ़ाई पूरी की है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां Click करें*<<

मंगलवती पांडे ने कहा कि “मैं सपरिवार ऐसे माहौल में रहती हूं, जहां पढ़ाई को लेकर अच्छा महौल है। घर में सभी 7 भाई-बहन साथ में अपनी पढ़ाई की स्ट्रेटजी बनाते हैं।“

किसान की बेटी मंगलवती का ख्वाब, बनना चाहती हैं कलेक्टर

मंगलवती पांडे की जुबानी.. हमारा परिवार बड़ा है। घर में हम सब भाई-बहन खूब मस्ती के साथ रहते हैं। हम सभी 6 बहनें और एक भाई हैं। मम्मी-पापा मिलाकर घर में 9 सदस्य हैं। इस बीच पढ़ाई का भी पूरा माहौल है। मैंने अपने घर में सुबह 2 घंटे अनिवार्य पढ़ाई का माहौल बनाया। अपनी दिनचर्या सेट की। उसका कड़ाई से पालन किया। शाम को स्कूल से लौटकर भी पढ़ाई का समय तय था। हर विषय के लिए अलग रणनीति बनाई। जहां कठिनाई लगी वहां स्कूल शिक्षकों ने भरपूर सहयोग किया। मेरा मकसद था, मैं टॉपर बनूं। टॉपर बनने के बाद पीछे मुड़कर देखती हूं तो लगता है कि वास्तव में मेहनत अगर सही नीति, रीति और दिशा में की जाए तो फलदायी होती ही है। मेरे पापा सब्जियों की खेती करते हैं। मम्मी लिहागांव में बने गौठान में स्वसहायता समूह में शामिल हैं। हम लोग साधारण परिवार से आते हैं। लेकिन हौसले हमारे कमजोर नहीं। पढ़ने-लिखने के लिए तय समय पर कोई मुझे डिस्टर्ब नहीं करता। हम सब भाई-बहन व मम्मी-पापा मिलकर शाम को कुछ देर टीवी भी देखते हैं। मैं वैसी पढ़ाकू लड़की नहीं बनना चाहती जो खेल, कूद से दूर रहे। या वह घर के काम भी न करे। मैंने घर के सारे काम अपनी जिम्मेदारी से किए हैं। इन्हें लेकर मैंने कभी पढ़ाई का बहाना नहीं बनाया। मेरा विश्वास है कि पढ़ाई को समझकर और काम को जिम्मेदारी मानकर करने से दोनों सध जाते हैं। मैं आईएएस बनना चाहती हूं। जिला कलेक्टर के रूप में महिला सशक्तिकरण, महिला रोजगार आदि के लिए काम करना चाहती हूं।