IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022: Success Story of 12th Topper jitendra bahira

IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : 12वीं टॉपर जितेंद्र ने कहा: आईएएस बनकर देश की करना चाहते हैं सेवा

आईएएस बनकर देश की करना चाहते हैं सेवा! IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022: Success Story of 12th Topper jitendra bahira

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Modified Date: November 29, 2022 / 06:50 PM IST
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Published Date: July 7, 2022 8:14 am IST

रायपुर। अपने सामाजिक सरोकारो को निभाते हुए IBC24 समाचार चैनल हर साल स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप सम्मान से जिले की टॉपर बेटियों को सम्मानित करता है। इस साल भी IBC24 समाचार चैनल की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप दिया जा रहा है। IBC24 की ओर से दी जाने वाली स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप केवल टॉपर बेटियों को ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक संभाग के टॉपर बेटों को भी दी जाएगी। महासमुंद जिले की जितेंद्र बरिहा ने जिले का मान बढ़ाया है। 12वीं परीक्षा में 477 अंक हासिल किया। जितेंद्र बरिहा ने द न्यू हॉलीफैथ हा. से. स्कूल, पिटियाझर, जिला महासमुंद में अपना पढ़ाई पूरी की है।

“पढ़ाई का सबका अपना पैटर्न होता है। मेरा पैटर्न समय देने का नहीं रहा। मैं तो गुणवत्ता पर जोर देता हूं। कोई विषय कम समय में भी अच्छा समझा जा सकता है।“

आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं जितेंद्र

जितेंद्र बरिहा की जुबानी…कोई दिनरात पढ़कर टॉपर बन सकता है, लेकिन मेरी थ्योरी यह नहीं। मैं मानता हूं उतना ही पढ़ो जितना पढ़ सको। दिमाग की अपनी क्षमता होती है। हमारे दिमाग में हमें कोई चीजें जबरन ठूंसना नहीं चाहिए। ऐसे नहीं करना चाहिए कि हम सिर्फ दिमाग को देते ही देते रहें। बजाए इसके हमें यह करना चाहिए कि हम जितना पढ़ें, बहुत सोच, समझकर पढ़ें। दिमाग में रहे वह। यह मैंने किया। अपने टाइम टेबल को तो सेट किया ही साथ ही अपने मन-मानस को तंदुरुस्त रखने के लिए तनाव रहित भी किया। समय-समय पर कुछ खेलकूद, कुछ अपनी हॉबी को भी जीआ। एक साधारण परिवार से मैं आता हूं। मेरे पास अधिक संसाधन नहीं हैं। लेकिन अंदर का आत्मबल और तैयारी बहुत है। अरमान पालना और उन्हें पूरे करने के लिए पाथ बनाना दोनों काम एक साथ करना चाहिए। मैं चाहता हूं कि पढ़ाई में कोई कसर अपनी ओर से न छूटे। फिर भले ही नतीजे जो हों। जो हम करें वह पूरी तरह से समर्पित करके ही करें। मुझे इस रास्ते में सबसे ज्यादा सहयोग मेरे परिजनों का और स्कूल शिक्षकों का मिला। परिवार ने मेरा हौसला बनाए रखा और शिक्षकों ने डाउट्स क्लीयर किए। समय-समय पर मुझे विषयों की तैयारी में ताकत झौंकने के लिए प्रेरित किया। मेरा मकसद है कि मैं एक आईएएस अफसर बनूं। इसके लिए ग्रेजुएशन के साथ ही तैयारी शुरू कर देना है। आईबीसी-24 की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप के लिए मैं कृतज्ञ हूं। यह मुझ जैसे तमाम टॉपर्स का सबसे अच्छा सम्मान है।

 
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