एंकर। मनेन्द्रगढ़ में आरटीआई एक्टिविस्ट रमाशंकर गुप्ता पर हुए प्राणघातक हमले के मामले में पुलिस पांच दिन बाद भी मुख्य आरोपी तक नही पहुंच सकी है। इस मामले में पुलिस ने पांच सहयोगी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, पर मुख्य आरोपी प्रमोद अग्रवाल उसकी पत्नी और बेटा अब तक मनेन्द्रगढ़ पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
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बता दें कि चार मई की दोपहर दिनदहाड़े हुई इस घटना में रमाशंकर गुप्ता पर जानलेवा हमला किया गया था जिसमे उनके शरीर के कई अंगों में गम्भीर चोंटे आई थी। सामुदायिक स्वास्थ्य मनेन्द्रगढ़ में उपचार के बाद उन्हें रायपुर रेफर कर दिया गया था जहां रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा है। रमाशंकर गुप्ता छत्तीसगढ़ के अलावा देश में भी आरटीआई एक्टिविस्ट के रूप में जाने जाते हैं और उन्होंने कई बड़े मामलों का खुलासा भी किया है।
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सीएम भूपेश बघेल ने उनके साथ हुई घटना पर दुख जताया था और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लेने की बात कही थी । इस घटना को लेकर लोगो में भी नाराजगी है । सवाल खड़े हो रहे हैं कि लॉक डाउन में जगह जगह पुलिस की तैनाती और नाकेबंदी होने के बाद आखिर आरोपी परिवार सहित कहा चला गया । जानकारी के अनुसार पुलिस की एक टीम सूरजपुर भी गई थी पर आरोपी वहां भी नही मिले । पुलिस अधिकारियों का दावा है कि आरोपी आज नही तो कल पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
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इस मामले में मुख्य आरोपी को संरक्षण मिलने की बात भी सामने आ रही है। ऐसे में देखना होगा कि मामले का मुख्य आरोपी प्रमोद मेडिकोज का संचालक प्रमोद अग्रवाल उसकी पत्नी और बेटे को पुलिस कब तक गिरफ्तार कर पाती है । पुलिस ने रमाशंकर की रिपोर्ट पर इन तीनों के अलावा अन्य पर कई अलग अलग धाराओं के अलावा हत्या के प्रयास का मामला भी दर्ज किया था। आपको बता दें कि यह घटना उस समय हुई थी जब रमाशंकर गुप्ता आमाखेरवा इलाके में हो रहे निर्माण कार्य की फोटो लेने गए थे।