भोपाल। बजट में हर कोई अपने लिए कुछ ना कुछ ढूंढता है। इस बजट में भी कृषि और उससे जुड़े व्यवसाय, रोजगार, छोटे और बड़े उद्योग समूहों के साथ साथ स्वरोजगार का अवसर तलाशने वालों को खासी उम्मीदें थी। हम आपको बताएंगे कि आज पेश हुए बजट में आपके लिए क्या है और फिर इसके बाद आप चाहें तो अपने हिसाब से तय कर सकते हैं कि बजट में आपकी उम्मीदों के मुताबिक क्या है।
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बात की जाए रोजगार की तो मध्यप्रदेश के बजट में अर्थव्यवस्था और रोजगार पर भी खास ध्यान दिया गया है। इसके लिए कृषि और उससे जुड़े व्यवसाय, उद्योग और स्वरोजगार को लेकर कई प्रावधान किए गए हैं. आइये सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं कि इस बजट में क्या क्या प्रावधान किए गए हैं। सबसे पहले बात करते हैं कृषि की कृषि और उससे जुड़े कार्यों के लिए इस बजट में 35 हजार 355 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत करीब 57 लाख 50 हजार किसानों को 1 हजार 150 करोड़ रु का भुगतान किया गया है और साल 2021-22 के लिए करीब 3 हजार 200 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। साथ ही किसानों की सुविधा के लिए 25 लाख किसान कार्ड़ों के माध्यम के से ऋण उपलब्ध कराया गया है और साथ ही उसके भुगतान की अवधि भी बढ़ाई गई है।
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इसके अलावा सरकारी बैंकों से किसानों को ब्याज मुक्त ऋण भी दिया जा रहा है इसके लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में इसके लिए 1 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। वहीं आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की कार्य योजना के मुताबिक उथले और मध्यम खड्डों वाली 75 हजार हेक्टेयर भूमि के विकास के लिए विशेष योजना बनाई गई है। साथ ही फलदार पेड़ों और औषधीय पौधों के विकास के लिए भी कार्य योजना तैयार की गई है। किसानों के फसल उपार्जन के लिए मुख्यमंत्री फसल उपार्जन सहायता योजना प्रस्तावित है। जिसके तहत उपार्जन संस्थाओं जैसे नागरिक आपूर्ति निगम और मार्कफेड को जरूरत के मुताहि आर्थिक सहयता दी जाएगी। इस योजना के लिए करीब 2 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया ।
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2. उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण
वजट में प्रावधान किया गया है कि उद्यानिकी नर्सरियों के सुदृढ़ीकरण और टिशुकल्चर लैब सुविधा पर काम किया जाएगा..जैविक प्रमाणीकरण प्रक्रिया प्रोटोकॉल स्थापित करने के अलावा चिन्हित कृषि उपज मंडियों में फल, सब्जी की सफाई, ग्रेडिंग, पैकेजिंग और कोल्ड स्टोरेज की सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी..इसी के साथ एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे..
3. पशुपालन और मत्स्य विकास
बजट में जानकारी दी गई है कि 1 लाख 75 हजार मछुवारों को दुर्घटना बीमा से जोड़ा गया है..और
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में मत्स्य उत्पादन और मत्स्य पालकों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है
4. उद्योग नीति और निवेश प्रोत्साहन
भारत की औद्योगिक नीति मेक इन इंडिया के तहत
उद्योगों का सकल घरेलू उत्पाद बढ़ाकर 25 फीसदी करने का लक्ष्य है…सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों की परिभाषा का विस्तार करते हुए क्रमश: 5 करोड़, 50 करोड़ और 250 करोड़ तक के टर्न ओवर वाली इकाइयों को इस श्रेणी में लाया गया है…तो वहीं
पूंजीगत निवेश की प्रोत्साहन राशि के लिए बजट में 680 करोड़ से बढ़ाकर 1 हजार 437 करोड़ का प्रावधान किया गया है ..स्थानीय उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए हर जिले से एक विशिष्ट उत्पाद को चिन्हित किया गया है। वहीं
वित्तीय संस्थाओं के जरिए युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के लिए नई योजना मुख्यमंत्री स्वरोजगार ( ब्याज परिदान) योजना शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है और इसके लिए 112 करोड़ रु का प्रावधान किया गया है..इसके अलावा नर्मदा एक्सप्रेस वे से जुड़े क्षात्रों में नए औद्योगिक पार्क विकसित किए जाने की योजना पर भी काम चल रहा है।
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5. विमानन
मध्यप्रदेश की सरकार हवाई पट्टियों पर पायलट प्रशिक्षण, एयरो स्पेस और एयरक्रफ्ट रिसायकिलिंग, हेलीकॉप्टर अकादमी जैसी सुविधाएं विकसित करने की योजना पर काम चल रहा है..साथ ही उड्डयन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए रीवा, दतिया, रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, छिंदवाड़ा, उमरिया, बालाघाट, सागर और सिवनी में हवाई पट्टियों को निर्धारित शुल्क पर उपयोग की अनुमति दी गई है।
6. पर्यटन
पर्यटकों के ग्रमीण जीवन का अनुभव कराने के लिए होम स्टे और ग्राम स्टे विकसित किए जा रहे हैं।साथ ही पन्ना में डायमंड म्यूजियम की स्थापना की योजना पर काम चल रहा है.. वहीं जटाशंकर, छतरपुर में रोप वे का निर्माण प्रस्तावित है।
7. तकनीक शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार
वित्त मंत्री ने बताया कि रोजगार सृजन की दृष्टि से कौश विकास और तकनीक शिक्षा उनकी सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए ग्लोबल स्किल्स पार्क का एक अंश सिटी कैंपस के रूप में गोविंदपुरा, भोपाल में स्थापित किया गया है। इस पार्क में प्रीसिजन इंजिनीयरिंग क्षेत्र में 1 वर्षीय कोर्स संचलालित किया जा रहा है। इसमें हर साल प्रदेश के IIT, प़लिटेक्निक, और इंजीनियरिंग कॉलेजों से पास होने वाले 240 छात्रों को प्रशिक्षण दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा 2 इंजीनियरिंग कॉलेज और 5 पॉलिटेक्निक कॉलेज में सेंटर फॉर एक्सीलेंस स्थापित करने की योजना पर भी काम जारी है। वहीं भारत सरकार की स्ट्राइव योजना के तहत प्रदेश के 20 IIT का चयन हुआ है और 10 संभाग स्तर के IIT को मेगा IIT के रूप में संचालित करने के मकसद से बड़े स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाना प्रस्तावित है।