भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। वे भ्रष्टाचार के मामले मे लंबे समय से फरार चल रहे हैं। कुठियाला कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं।
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इससे पहले उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। उनके खिलाफ विवि में अवैध नियुक्तियां किए जाने, विवि की राशि से फिश एक्वेरियम खरीदने, मदिरापान की राशि का भुगतान कराने जैसे आरोप हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान पत्रकारिता के बजाए ऋषियों और संतों पर शोध कराया। उस शोध में के दौरान उन्होंने 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च किया है, जिसके बाद EOW ने फरार घोषित कर दिया और गिरफ्तारी नहीं होने पर उन पर इनाम भी घोषित किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि कुठियाला ने महर्षि पंतजलि, महर्षि अरविंदो और विवेकानंद जैसे विद्वानों पर रिसर्च, किताबें प्रकाशित करने, पाठ्यक्रम बदलने जैसे करीब एक करोड़ सात लाख से ज्यादा खर्च किए, जो विश्वविद्यालय के लिए कोई उपयोगी साबित नहीं हुआ।
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एमसीयू में आर्थिक अनियमितताओं को लेकर शासन स्तर पर जांच टीम का गठन किया गया था। इस टीम की रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्ल्यू ने नियुक्ति सहित आर्थिक गड़बड़ी के मामले में पूर्व कुलपति बीके कुठियाला समेत 20 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। कुठियाला वर्तमान में हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा आयोग के अध्यक्ष के पद पर पदस्थ है। फिलहार उन्हें फरार घोषित कर दिया गया है।
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जनपद सदस्य पर छेड़छाड़ का आरोप
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