Bhuiyan Ke Bhagwan: रायपुर। माटी की कोख से जब भी कोई नन्हा पौधा झांकता है..समझ लीजिए..वो किसान के पसीने से नहाकर जीवंत हुआ है। किसान वो है.. जो खुद कष्ट सहकर दुनिया का पेट भरता है। मौसम से लड़कर, चुनौतियों को हराकर अपनी जिंद से वो खेतों हरा-भरा करता है। अनाज का हर दाना ऋणी होता है किसान का… और उतने ही कृतज्ञ हम सब हैं.. क्योंकि किसान न होते तो शायद हमारी विकास यात्रा ऐसी न होती। बदलते पर्यावरण और आबादी के दबाव के बीच देश का किसान सबसे मुश्किल दौर से गुज़र रहा है..लेकिन इस दौर में भी कई किसान अपनी तदबीर से तक़दीर बदलने में कामयाब रहे है।
आपको बता दें कि इस बार हम 11 ऐसे किसान… जिसमें 1 किसान समूह, 2 कृषि वैज्ञानिक और 1 ऐसे उद्यानिकी विभाग को भुइंया के भगवान सम्मान देने जा रहे हैं। जिन्होंने खेती को अपने इनोवेशन से आसान बनाने की कोशिश की। वहीं आईबीसी24 हर साल की तरह इस साल भी प्रदेश के हौसलामंद किसानों को सम्मान का एक मंच दे रहा है। हमने ईश्वर को नहीं देखा.. लेकिन अगर उसकी कोई सूरत होगी.. तो यकीनन वो किसान जैसे ही होगी। हमारी नज़र में किसान इस माटी के मान है.. वो भुइंया के भगवान हैं।
रायपुर जिले के खरोरा तहसील के तहत आने वाले ग्राम खौन के रहने वाले युवा किसान विवेक सिंह ठाकुर ने स्नातक की पढ़ाई के बाद खेती की तरफ रुझान बढ़ाया। विवेक सिंह ने खेती से पहले नौकरी भी की। लेकिन नौकरी रास नहीं आई तो किसानी की राह पर चल पड़े और आज लगभग 80 एकड़ में धान की फसल ले रहे हैं। विवेक का मानना है कि किसानों को मिश्रित खेती की तरफ आगे बढ़ना चाहिए। वे खेती के साथ पशुपालन और मछली पालन भी करते रहे हैं।
Bhuiyan Ke Bhagwan: युवा किसान विवेक की मेहनत कई युवाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत है। विवेक सिंह ने खेती-किसानी में मिसाल पेश की है। विवेक का मानना है कि खेती के लिए छोटी-छोटी बातों का बारीकी से ध्यान रखना होता है। तभी हमें सफलता मिल सकती है। विवेक सिंह ठाकुर की मेहनत को IBC24 सलाम करता है, और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है। हम उन्हें ‘भुइंया के भगवान’ सम्मान देते हुए गर्व का अनुभव कर रहे हैं।
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