लखनऊ: बिहार चुनाव में कांग्रेस की पराजय के बाद पार्टी के कामकाज के तरीकों पर सवाल उठाने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का पार्टी में ही विरोध शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने सोमवार को एक बयान में कहा, ”ग़ुलाम नबी आजाद जी, उत्तर प्रदेश का प्रभारी रहते हुए आपने कार्यकर्ताओं से बात करना तक ज़रूरी नहीं समझा। आपके मुँह से अब ये सब बातें शोभा नहीं देती।”
उन्होंने कहा, ”पूरी पार्टी जब जनता के लिए सड़कों पर संघर्ष कर रही है, उस समय ऐसी बातें करना आपके स्वार्थ को दिखाता है। काँग्रेस नेतृत्व से अनुरोध है कि ऐसे मौकापरस्त नेताओं को तुरंत पार्टी से निकाल दिया जाए।” कुमार ने कहा, ”हमारे नेता राहुल गाँधी के साथ-साथ कांग्रेस के अन्य नेता विकट परिस्थितियों में जब सड़कों पर थे, तब आप कहाँ थे? कांग्रेस में फाइव-स्टार कल्चर ना कभी था और ना अभी है।”
गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद रविवार को कहा कि कांग्रेस के नेता आम लोगों से पूरी तरह से कटे हुए हैं और पार्टी में ‘‘पांच सितारा संस्कृति” घर कर गई है। पार्टी नेताओं को कम से कम चुनावों के दौरान पांच सितारा संस्कृति को छोड़ देना चाहिए। उन्होंने संगठनात्मक ढांचे में आमूल चूल परिवर्तन का आह्वान भी किया। आजाद ने कहा कि ब्लॉक से लेकर जिला और राज्य स्तर तक चुनाव कराकर पार्टी के ढांचे में आमूल-चूल परिवर्तन की तत्काल जरूरत है। उन्होंने चुनाव में हार के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को जिम्मेदार नहीं ठहराया बल्कि नेताओं और लोगों के बीच संपर्क नहीं होने की बात कही। आजाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने प्रमुख पदों पर चुनावों और पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अगस्त में पत्र लिखा था।
Read More: मेरे लिए एक महान शिक्षक थे तरूण गोगोई: राहुल