अंबिकापुर। सरगुजा के मेडिकल कॉलेज की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जीरो ईयर घोषित होने के बाद एक बार फिर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के लिए पहुंचने वाली है। मगर इसके ठीक पहले यहां पदस्थ तीन डॉक्टरों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है। और पहले से ही चिकित्सकों की कमी झेल रहे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज की परेशानी बढ़ गई है।
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मामले में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि चिकित्सक संविदा पर थे और उन्हें रोक पाना संभव नहीं था। ऐसे में अब मेडिकल कॉलेज प्रबंधन नए चिकित्सकों की तलाश में जुट गया है। दरअसल अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में सीनियर डॉक्टर्स के साथ असिस्टेंट प्रोफेसर की लगातार कमी बनी हुई है। दूरस्थ क्षेत्र और आदिवासी अंचल होने के कारण डॉक्टर्स यहाँ आना नहीं चाहते। पूर्व में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को जीरो ईयर घोषित किया गया था। जिसका एक बड़ा कारण चिकित्सकों की कमी भी थी।
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इस्तीफा देने वाले चिकित्सकों में एचओडी समेत दो अन्य डॉक्टर जो एक ही परिवार के थे परिवारिक कारणों के कारण तीनों डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि उनके पास जूनियर डॉक्टर्स तो है मगर सीनियर डॉक्टर और असिस्टेंट प्रोफेसर की कमी लगातार बनी हुई है जिसकी जानकारी शासन को भी दी गई है।
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अब मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के इस्तीफे के बाद प्रबंधन की मुश्किल बढ़ गई है, मेडिकल कॉलेज की पांचवी सत्र के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के निरीक्षण की तैयारी में जुटे मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के लिए बड़ा झटका है हालांकि प्रबंधन जल्द ही walk-in-interview के जरिए डॉक्टर की कमी पूरी करने की बात कह रहा है।
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