ग्वालियर। समाज को शिक्षित करने वाले शिक्षक, समाज के लिए पूज्यनीय शिक्षक ही इनते विवश हो गए कि उन्हे नेताओं के पैर छूने पर मजबूर होना पड़ा। उनके सामने न्याय के लिए गिड़गिड़ाना पड़ गया, अधिकारियों की मनमानी की कहानी सुनानी पड़ गई। गुनाह सिर्फ इतना था कि उसने अपनी सैलरी जारी करने के लिए रिश्वत नही दी।
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आज लोग उस समय सोचने को मजबूर हो गए जब शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी के सामने एक शिक्षक पति-पत्नी रोने लगे। सहायक शिक्षक और पत्नी स्कूल शिक्षा मंत्री के सामने फूट-फूटकर कर रोए। सहायक शिक्षक ने शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए शिक्षामंत्री से न्याय की गुहार लगाई। पीढ़ियों को मजबूत बनाने वाला शिक्षक आज इतना लाचार दिखा कि वह पत्नी समेत मंत्री के पैरों में गिरकर कहने लगा कि अधिकारी नहीं सुनते आप तो कार्रवाई करो।
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बता दें कि सहायक शिक्षक जगदीश यादव की अधिकारियों ने बीते 20 महीने से सैलरी रोक रखी है, शिक्षक के लिए खाने के लाले पड़ गए हैं। शिक्षक ने प्राचार्य और डीईओ पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया और बताया कि सैलरी रिलीज कराने के लिए 2 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे हैं। अंत में शिक्षक ने कहा कि यदि कार्रवाई नहीं होती तो फिर उसे जीने का अधिकार नही है वह आत्महत्या कर लेगा।
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