रायपुर। लोकसभा चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस में खलबली मचा दी है। पार्टी को इतनी करारी हार मिली कि नौबत कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे तक पहुंच गई है। हालांकि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने उनके इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है। वहीं दूसरी ओर जिस बीजेपी का 5 महीने पहले तीन राज्यों से लगभग सफाया हो गया था। वो इतनी तेजी से उभरेगी, ये तो खुद बीजेपी के उम्मीदवारों ने भी कल्पना नहीं की थी, खासतौर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को समझ ही नहीं आ रहा कि कहां चूक हुई है।
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लोकसभा चुनाव में मोदी की सुनामी में 52 सीटों पर सिमटी कांग्रेस अब हार के मंथन में जुट गई है। शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में हार के कारणों की समीक्षा हुई। तीन घंटे से अधिक देर तक चली बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की। जिसे CWC ने नामंजूर करते हुए कहा कि पार्टी को राहुल के मार्गदर्शन और नेतृत्व की जरूरत है।
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दूसरी ओर विधानसभा चुनाव में 15 सीटों पर सिमटने के बाद लोकसभा में 11 में से 9 सीट जीतने के बाद बीजेपी काफी उत्साहित है। राहुल गांधी के इस्तीफे और कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जब तक कांग्रेस में वंशवाद है, तब तक पार्टी का यही हाल होगा।
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लिहाजा लगातार दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपना प्रदर्शन सुधार नहीं पाई है। 2014 में कांग्रेस 44 सीटें जीती थी। इस बार उसे 8 सीटों का फायदा हुआ। लेकिन मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जहां पांच महीने पहले पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया था। वहां भी कांग्रेस को करारी हार मिली। आखिर ऐसी कौन सी वजह रही, जिसकी वजह से जनता ने उन्हें नकार दिया। जाहिर है पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है।