बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए नियुक्ति के सात साल बाद शिक्षाकर्मियों को पद से बर्खास्त किए जाने के आदेश को निरस्त कर दिया है। पीड़ित शिक्षाकर्मी रायपुर और बेमेतरा जिला पंचायत के अंतर्गत वर्ष 2007 में शिक्षाकर्मी नियुक्त हुए थे।
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इसके सात साल बाद 2014 में शासन ने इन सबको यह कहकर पद से बर्खास्त कर दिया कि इनके दस्तावेज फर्जी हैं। इस आदेश के खिलाफ पीड़ित शिक्षाकर्मियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगायी थी। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि शासन ने मांगने पर भी वो दस्तावेज कभी नहीं दिखाए जिनके फर्जी होने की बात कहते हुए याचिकाकर्ताओं को पद से बर्खास्त किया गया।
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याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में कहा कि उन्हें एकतरफा कार्रवाई करते हुए हटाया गया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि बर्खास्तगी का आदेश निरस्त होने के बाद शिक्षाकर्मियों की सेवा 2014 से आगे भी निरंतर मानी जाएगी। हाईकोर्ट ने संबंधित जिला पंचायत और जनपद पंचायत को निर्देशित करते हुए कहा है कि याचिकाकर्ताओं के वेतन संबंधी आवेदन को दो सप्ताह के भीतर निराकरण करें।
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