भोपाल। नगरीय निकाय संसोधन विधेयक को राज्यपाल लालजी टंडन ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही यह तय हो गया है कि अब नगरीय निकाय चुनावों में अप्रत्यक्ष तरीके से महापौर का चुनाव होगा। कल सीएम कमलनाथ ने राज्यपाल से मुलाकात की थी। इस मामले में रोज नए नए बयान आ रहे थे, कोई राज्यपाल के समर्थन में अपना बयान दे रहा था तो कोई राज्यपाल को राजधर्म पालन करने की मांग कर रहा था।
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सरकार का तर्क है कि पार्षदों को तवज्जो देना चाहते हैं। मध्यप्रदेश में पिछले 20 साल से प्रत्यक्ष रूप से महापौर और अध्यक्ष का चुनाव होते रहे हैं। इसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हावी रही है, विपक्ष में भाजपा इस बिल का लगातार विरोध करती रही है। भाजपा चाहती है कि जनता सीधे अपने जनप्रतिनिधि का चुनाव करे न कि पार्षदों के द्वारा। भाजपा का मानना है कि इससे पार्षदों की खरीद फरोख्त हो सकती है। पिछले चुनाव में प्रदेश के 17 नगर निकायों में भाजपा का कब्जा है।
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बता दें कि मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव होने वाले हैं। भाजपा का आरोप है कि इस बिल संसोधन के माध्यम से कांग्रेस खरीद फरोख्त को बढ़ावा देना चाहती है और सत्ता का दुरूपयोग करना चाहती है।
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