जांजगीर। आज समाज में क्षमता से अधिक खर्च करना, स्टेटस सिंबल बनता जा रहा है, वहीं सरकारी स्कूल के बच्चे इस दौर में किताबों के पाठ के साथ, ‘बचत का भी पाठ’ सीखे तो इसे आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर ही कहा जा सकती है। जिले के सरकारी प्रायमरी स्कूल में शिक्षिका के प्रयास से चौथी की कक्षा में ‘स्कूल बैंक’ खोला गया है, जिसका नाम दिया गया है ‘छुट्टा बैंक’। सरकारी स्कूल में पढ़ाई के साथ ही बचत का भी पाठ पढ़ाया जा रहा है, जहां बच्चे भी खूब सहभागिता निभा रहे हैं।
read more : पुलिस जवानों को सरकार का तोहफा, मिलने लगा साप्ताहिक अवकाश, परिवार के साथ बिताए वक्त
बता दें कि जिले के अकलतरा ब्लाक के तागा गांव के प्राइमरी स्कूल की, जहां स्कूल में ‘बच्चों का बैंक’ चलता है। सरकारी स्कूल में बच्चे, पढ़ाई के साथ ही बचत का ज्ञान भी सीखते हैं। स्कूल की शिक्षिका मधु कारकेल ने कक्षा चौथी के 23 छात्र-छात्राओं की सहभागिता से ‘छुट्टा बैंक’ बनाया है, जहां बच्चे खुद के पैसे जमा करते हैं और जरूरत पड़ने पर बच्चे, पैसे निकाल लेते हैं। स्कूल में बनाए गए छुट्टा बैंक में जमा किए गए बच्चों के पैसे को शिक्षिका मधु कारकेल रखती हैं।
इस बैंक की खास बात यह है कि जब बच्चे जमा पैसे निकालते हैं तो शिक्षिका को बताना पड़ता है, उस पैसे का क्या करेंगे। वैसे बच्चों को स्कूल की पढ़ाई की सामग्री खरीदने के लिए ही रकम दी जाती है। पिछले साल से सरकारी स्कूल में शुरू हुए इस ‘छुट्टा बैंक’ में कक्षा चौथी के बच्चों को थोड़े-थोड़े पैसे के साथ 1 हजार से ज्यादा रकम जमा कर लिया था। शिक्षिका के पास पूरा हिसाब रहता है।
read more : BHEL में CISF जवानों की मदद से ही होती है कॉपर चोरी, गिरफ्तार आरोपियों ने खोला राज
बच्चों ने इस साल स्कूल खुलने के बाद, पिछले साल के अपने बचत पैसे से ही स्कूल की सामग्री खरीदी, बच्चों को घर से मदद नहीं लेनी पड़ी। बच्चों ने पिछले साल अपनी पॉकेट मनी से पैसे बचाए थे और स्कूल के ‘छुट्टा बैंक’ में जमा रखे थे। इस साल फिर से स्कूल में बच्चों ने पैसे जमा करना शुरू कर दिया है। बच्चों को स्कूल के छुट्टा बैंक के माध्यम से बचत का संदेश देने जोड़ने की कोशिश की गई है।
बच्चों की पूरी सहभागिता से यह पहल रंग लाई है। बच्चों को शिक्षिका द्वारा बैंकिंग की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दी गई। बच्चे भी मानते हैं कि स्कूल में शुरू किया गया बैंक से बचत की आदत बनी है और बचत का महत्व भी समझ आया है। बेहद कम उम्र में बचत का ज्ञान, स्कूल में मिलने से छात्र-छात्रा भी उत्साहित नजर आते हैं।
read more : खेत में रोपा लगा रही यह महिला कोई आम मजदूर नहीं, बल्कि हैं IAS अधिकारी
स्कूल की शिक्षिका मधु कारकेल का कहना है कि कक्षा में बच्चे आपस में पैसे चोरी होने की खूब शिकायत करते थे, जिसके बाद बस्ता को देखना पड़ता है, इससे समय की बर्बादी होती थी। इसी के बाद साल भर पहले स्कूल में छुट्टा बैंक खोलने और बच्चों की सहभागिता का विचार आया। आज यह कोशिश साकार हुआ है। बच्चों ने अच्छे से बचत करना सीख लिया है। शिक्षिका समेत प्रधानपाठक अब कक्षा चौथी में चल रहे छुट्टा बैंक को इस साल से सभी कक्षाओं को साथ मिलाकर चलाने की तैयारी शुरू की है।
बहला फुसला कर लड़की को बैठाया मैजिक में.. फिर चलती…
16 hours agoPM Modi Visit to Khajuraho Live : पीएम मोदी का…
19 hours ago