रायपुर। स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता की दिशा में छत्तीसगढ़ को अग्रसर बनाने के लिए राज्य शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा अगले शिक्षा सत्र से अभिनव पहल की जा रही है। पाठ्य पुस्तकों की पारंपरिक दुनिया से आगे सक्रिय पाठ्य पुस्तक की तैयारी के लिए नई सूचना तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। राज्य में हिन्दी माध्यम की कक्षा पहली से दसवी तक विभिन्न विषयों की 67 किताबें तैयार कर इनकी दो करोड़ 83 लाख एक हजार 216 प्रतियां छात्रों तक पहुंचाई गई हैं।
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इन पुस्तकों में तीन हजार चालीस क्यूआर कोड अंकित किए गए है। इससे विभिन्न पाठ्य सामग्रियों के वीडियो, ऑडियो, पीपीटी और पीडीएफ के रूप में रोचक सामग्री प्रस्तुत की गई हैं। ये छात्रों एवं शिक्षकों दोनों के लिए उपयोगी होगी। मोबाइल पर क्यूआर कोड स्केन कर संबंधित पाठ से अतिरिक्त प्रश्न एवं उत्तर और अन्य जानकारी प्राप्त की जा सकती है।बच्चों को उनकी भाषा में पाठ्य सामग्री प्राप्त हो और शिक्षा बेहतर बन सकें, इस उद्देश्य से क्यू.आर. कोड के लिए विशेष आकर्षण बहुभाषा में पाठ्य सामग्री का विकास करना भी है।
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बता दे कि हल्बी, सरगुजिहा, कुडूख, दंतेवाड़ा गोंडी, कांकेर गोंडी सहित छत्तीसगढ़ी भाषा में वीडियो तैयार किए गए हैं। सक्रिय पाठ्य पुस्तक का प्रमुख उद्देश्य पाठ्यचर्या से संबंधित अतिरिक्त सामग्री उपलब्ध कराना है। जो पठन-पाठन में मदद करने के साथ कक्षा के पाठ्य पुस्तकों के अलावा विद्यार्थियों को अतिरिक्त शैक्षणिक सामग्री प्राप्त करने की सुविधा देगा।
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