बिलासपुर। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में ऐसे शिक्षाकर्मी जिनकी मौत हो चुकी है उनके परिजन अनुकंपा नियुक्ति के लिए वर्षों से चक्कर काट रहे हैं। लेकिन नियमों के पेंच में फंसकर शिक्षाकर्मियों के आश्रित परिजन दर दर भटकने को ही मजबूर हैं। छत्तीसगढ़ के ऐसे 3500 परिवार और मध्य प्रदेश के लगभग 1500 पीड़ित परिजनों के पक्ष में बात करते हुए मध्य प्रदेश के सांसद उदय प्रताप सिंह ने संसद में आवाज उठाई है।
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उदय प्रताप सिंह ने संसद का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा है कि शिक्षाकर्मियों के परिजनों को पहले अनुकंपा नियुक्ति देनी चाहिए और फिर उन्हें संबंधित योग्यता पूरा करने के लिए समय देना चाहिए। वर्तमान में बीएड, डीएड या फिर जरूरी शैक्षणिक योग्यता ना होने की वजह से शिक्षाकर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाती है।
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छत्तीसगढ़ शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश प्रवक्ता विवेक दुबे ने सांसद उदय प्रताप सिंह के इस पहल की तारीफ की है और उम्मीद जताई है कि छत्तीसगढ़ के सांसद भी इस मामले में अपना पक्ष रखेंगे ताकि छत्तीसगढ़ के 3500 परिवारों को राहत मिल सके।
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