मजदूरों को वापस लाने सरोज पांडेय ने सीएम को लिखा पत्र, कांग्रेस ने बताया भाजपा की नीयत में खोट | Saroj Padenya wrote a letter to the CM to bring back the workers, the Congress said the BJP's intention was wrong

मजदूरों को वापस लाने सरोज पांडेय ने सीएम को लिखा पत्र, कांग्रेस ने बताया भाजपा की नीयत में खोट

मजदूरों को वापस लाने सरोज पांडेय ने सीएम को लिखा पत्र, कांग्रेस ने बताया भाजपा की नीयत में खोट

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Modified Date: November 29, 2022 / 09:00 PM IST
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Published Date: April 27, 2020 3:56 pm IST

रायपुर। भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखे जाने पर कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सरोज पांडेय और भाजपा की नीयत में खोट है वे सिर्फ राजनैतिक प्रचार पाने के लिये मुख्यमंत्री को पत्र लिख रही है। इनका इरादा मजदूरों का भला करने का होता तो सरोज पांडेय, मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखती।

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कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य के मजदूरों की वापसी के लिए प्रतिबद्ध है राज्य के जो मजदूर प्रदेश के बाहर फंसे हैं, राज्य सरकार उन्हें जिला कलेक्टरों के माध्यम से मदद कर रही है। मजदूरों के नाम पर सस्ती राजनीति करने के बजाय सरोज पांडेय सार्थक प्रयास करें।

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इसके पहले भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर अन्य राज्यों में फसे मजदूरों को वापस लाने की मांग की। सरोज पांण्डेय ने पत्र में लिखा कि कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए पिछले एक महीने से देश मे लॉक डाउन किया गया है । इसमे छत्तीसगढ़ के कई जिलों बिलासपुर, मुंगेली, दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी, कवर्धा और बस्तर के हजारों श्रमिक देश के कई बड़े शहरों में फंसे हुए हैं। जहां उनके खाने पीने की समस्या हो रही है ।

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सरोज पांडेय ने आगे लिखा कि मेरा यह भी सुझाव है कि अगर इन प्रवासी भाइयों को वापस लाया जाता है तो उन्हें अपना क्वारंटीन समय अपने गाँव के स्कूल की या अन्य किसी सरकारी ईमारत में गुजारने का इंतज़ाम सरकार द्वारा किया जा सकता है क्योंकि वर्तमान में स्कूल बंद है और इनके भोजन तथा चिकित्सा सुविधा का लाभ उन्हें वहीँ प्रदान किया जा सकता है। इससे सरकार पर अपेक्षाकृत कम भार पड़ेगा तथा यह मज़दूर अपने गाँव तथा अपने लोगों के बीच सुरक्षित भी महसूस करेंगे। अतः आपसे यह अपेक्षा है कि इस अति महत्वपूर्ण तथा जनभावना से जुड़े विषय पर गंभीरता से विचार करें।

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