बिलासपुर। सीएसईबी के रिटायर्ड सेक्शन आफिसर को उधार में रुपये लेना महंगा पड़ गया। उधार में दिए रुपये वसूल करने के बाद सूदखोर रकम को 27 लाख बताने लगे। यही नहीं उससे सूदखोरों ने जबरदस्ती मकान का एग्रीमेन्ट भी करा लिया। इसके बाद वसूली का दबाव बनाया। जिसके बाद प्रताड़ना से तंग आकर रिटायर्ड अधिकारी ने घर के पंखे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। फांसी लगाने से पहले मृतक ने सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें प्रताड़ना की वजह से आत्महत्या करने की बात लिखी है। मामला बिलासपुर के तारबहार थाना क्षेत्र का है। सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
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तारबाहर थाना क्षेत्र के निराला नगर में सीएसईसी के रिटायर्ड सेक्शन आफिसर भूपेंद्र कुमार शर्मा ने अपने निवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पिछले दिनों उन्होंने जयपाल पंजवानी के माध्यम से प्रमोद यादव से दो लाख रुपये बैंक खाते और चार लाख रुपये नकद उधार लिए थे। कुछ महीने बाद प्रमोद और जयपाल उधार की रकम को छह लाख की बजाय 27 लाख बताने लगे। वसूली के लिए उन्होंने जबरदस्ती भूपेंद्र के निराला नगर स्थित घर का प्रमोद यादव के नाम से एग्रीमेन्ट बनवा लिया। इसके बाद दोनों मकान खाली करने का दबाव बनाने लगे। इसके लिए प्रमोद व जयपाल आए दिन गुंडों को लेकर आते और उसे धमकाते थे।
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भूपेंद्र किसी तरह उनसे मुक्ति पाने का उपाय खोज रहा था। इस बीच नवीन तिवारी और शैलेंद्र सिंह ने उससे मुलाकात कर मामले में समझौता करने की बात की। उन्होंने कहा कि 30 लाख रुपये देने पर एग्रीमेन्ट वापस करा देंगे। उनके झांसे में आकर उसने 30 लाख रुपये दोनों को दे दिए। इसके बाद भूपेंद्र निश्चिंत हो गया था कि उसे मकान खाली करने के लिए नहीं धमकाया जाएगा। लेकिन उसके बाद भी जयपाल व प्रमोद उसके घर पहुंचे और सिर्फ पांच लाख रुपये मिलने की बात कही। तब भूपेंद्र को पता चला कि नवीन और शैलेंद्र ने पूरी रकम नहीं दी है। जयपाल और प्रमोद के जाने के बाद भूपेंद्र सुसाइड नोट लिखकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही तारबाहर पुलिस मौके पर पहुंच मर्ग कायम करते हुए सोसाइड नोट के आधार पर 5 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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