CG Politics। CG Ki Baat: रायपुर। 2024 आम चुनाव के परिणामों के बाद, एक तरफ दिल्ली में सरकार गठन की कवायद है। तो दूसरी तरफ चिंतन-मंथन और समीक्षा का दौर छत्तीसगढ़ में बीजेपी का इरादा क्लीन स्वीप का रहा और नतीजों में उन्होंने पिछली बार से एक सीट ज्यादा 10 सीटों पर जीत हासिल कर 10 का दम दिखाया। जाहिर है इसके पीछे बीजेपी की अपनी स्ट्रैटेजी और कांग्रेसी खेम की अपनी कमजोरियां रही हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी अब खुलकर इस पर बोल चले हैं कि 24 के चुनाव में पार्टी कैंडिडेट बने सभी दिग्गजों के हारने की क्या वजहें रही हैं। इसी के साथ बीजेपी भी कांग्रेसी खेमें पर तंज कस रही है, शीर्ष नेताओं को पिटा-हारा-चूका हुआ बता रही है। तो आज की डिबेट में इन्हीं बीजेपी के 10 का दम और कांग्रेस में हार पर वार पर सीधे सवाल होगा।
24 के चुनाव में प्रदेश की कुल 11 में से 10 सीटें जीतकर बीजेपी खेमा जबरदस्त उत्साह में है। पार्टी ने अपने सभी सांसदों और चुनाव समिति के साथ मीटिंग कर, जनता का आभार व्यक्त किया। पॉलिटिकल पंडित मानते हैं कि बीजेपी को 23 के विधानसभा चुनाव में मिली बंपर जीत से बूस्ट मिला। साय सरकार ने बिना देर किए मोदी की गारंटी को पूरा कर, इसे साय सरकार का सांय-सांय काम और सुशासन के तौर पर पेश किया। केंद्रीय नेतृत्व ने टेस्टेड फॉर्मूले के तहत चुनावी तारीखों के काफी पहले ज्यादतर सीटों पर उम्मीदवारों घोषित कर दिए। उम्मीदवारों को क्षेत्र और वोटर वर्ग के हिसाब से स्पेसिफिक रणनीति के तहत प्रचार प्लान दिया गया।
विपक्षी दल और गठबंधन की भ्रष्टाचार, परिवारवाद पर घेराबंदी की, तो हर एक कांग्रेसी कैंडिडेट के खिलाफ अलग-अलग पोस्टर-कार्टून वार के जरिए उन्हें कमजोर दावेदार बताकर घेरा, इसके अलावा बीजेपी की बूथ प्लानिंग हमेशा की तरह जबरदस्त रही, साथ ही एन चुनावी दौर में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को तोड़कर अपने साथ लाने को कांग्रेस की सबसे बड़ी कमजोरी के तौर पर पेश किया, सोशल मीडिया के ताबड़तोड़ प्रचार ने भी बीजेपी को युवाओं तक मैसेज पहुंचाया, दिग्गज केंद्रयी नेताओं के दर्जनों दौरों और सैकड़ों रैलियों ने बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाए रखा।
CG Politics। CG Ki Baat: इधर, कारारी हार पर कांग्रेस पर भीतर से भी बाहर दोनों तरफ से वार हो रहे हैं। पूर्व PCC चीफ धनेंद्र साहू ने वरिष्ठ नेताओं को अपने क्षेत्र से बाहर अलग सीटों से उतारने पर सावल किए। तो कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम कांग्रेस को नेतृत्व विहीन और खींचतान से ग्रसित बताया। उन्होंने तंज कसा कि अब कांग्रेसी नेता 5 साल तक झांझ मंजीरा बजाएंगे, जिस पर कांग्रेस ने पटवार भी किया। तय है कि चुनावी मुकाबले में किसी की जीत किसी की हार होती है लेकिन 23 के बाद 24 में, प्रदेश में शीर्ष नेताओं की मौजूदगी के बाद भी मिली करारी हार ने कांग्रेस को बड़ा झटका जरूर दिया है। वक्त वाकई सोच-विचार कर कारणों की समीक्षा का है लेकिन मौजूदा सियासी सूरत में क्या प्रदेश में मिली हार, उसके कारणों और बीजेपी की विनिंग स्ट्रेटेजी पर मंथन के लिए राष्ट्रीय नेता तैयार हैं?