एक्सप्रेस-वे के निर्माण में खुल रही भ्रष्टाचार की पोल, मुरुम की जगह शहर से निकले कचरा और काली-पीली मिट्टी का किया गया इस्तेमाल | Pole of corruption exposed in the construction of the expressway,

एक्सप्रेस-वे के निर्माण में खुल रही भ्रष्टाचार की पोल, मुरुम की जगह शहर से निकले कचरा और काली-पीली मिट्टी का किया गया इस्तेमाल

एक्सप्रेस-वे के निर्माण में खुल रही भ्रष्टाचार की पोल, मुरुम की जगह शहर से निकले कचरा और काली-पीली मिट्टी का किया गया इस्तेमाल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : December 13, 2020/12:01 pm IST

रायपुर। रायपुर को नया रायपुर से जोड़ने वाले साढ़े तीन सौ करोड़ की लगात से बनने वाले एक्स्प्रेस वे के निर्माण में भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद इसमें बने सभी फ्लाईओवर की एप्रोच रोड को उखाड़ा जा रहा है जिसके साथ ही यहां हुए भ्रष्टाचार की परतें भी उखड़ रही हैं। यहां सड़क उखाड़ने के दौरान मुरुम की जगह बड़ी मात्रा में शहर से निकलने वाला कचरा, काली और पीली मिट्टी निकल रही है जो किसी भी निर्माण के बेस के लिए खतरनाक मानी जाती है। सड़क निर्माण में इस्तेमाल किए गए घटिया मटेरियल ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि जब सड़क निर्माण हो रहा था तो अधिकारी क्या गहरी नींद में थे या जानबूझ कर इस भष्ट्राचार को शह दे रहे थे?

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देवेंद्र नगर फ्लाईओवर के पास एक्सप्रेस वे की खुदाई ने सीजीआरडीसी के अधिकारियों और उसके ठेकेदार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी है…यहां अभी तक हुई 6 फीट की खुदाई में अलग-अलग घटिया क्वालिटी के फिलिंग मेटेरियल की सतह दिखाई दे रही है जिससे पता चलता है की निर्माण करने वाली कंपनी को जो सस्ता मटेरियल मिला उसे एक्सप्रेस वे में खपा दिया गया।

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निर्माण में भष्ट्राचार उजागर होने के बाद भी सीजीआरडीसी के अधिकारी कंपनी पर कार्रवाई करने से बच रहे थे, अब जब सड़क उखाड़ी जा रही है तो देवेंद्र नगर से तेलीबांधा तक मिट्टी और कचरा मिली हुई सैकड़ों ट्रीप मुरुम का ढेर लग गया है, इन ढेरों ने कंपनी और सीजीआरडीसी के अधिकारियों की साठगांठ की कलई खोल कर रख दी है। घटिया क्वालिटी का फिलिंग मटेरियल यह बताता है की यहां सिर्फ साठगांठ ही नहीं हुई बल्कि शासन के साथ धोखाधड़ी भी की गई ।

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सरकारी एजेंसी और कंपनी की मिली भगत का सबसे बड़ा सबूत तेलीबांधा वाले हिस्से के पास देखने को मिलता है, यहां खुदाई के दौरान झिल्लियों से भरी नाले की गाद, काली और पीली मिट्टी लगभग 4 फीट से ज्यादा मोटी सतह दिखाई देती है..यहां हुई गड़बड़ी को कोई सामान्य आदमी भी देखकर भ्रष्टाचार का अंदाजा लगा सकता है.. एक बात तो साफ है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आईबीसी 24 की मुहिम ने एक्सप्रेस वे की पोल खोल दी वरना आज नहीं तो कल इस घटिया निर्माण के कारण बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।