पटना, 16 जून (भाषा) लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा)नेता पशुपति कुमार पारस ने चिराग पासवान द्वारा उन्हें पार्टी संसदीय दल का नेता चुने जाने को गलत ठहराए जाने को बुधवार को चुनौती दी और दावा किया यह पार्टी के संविधान के अनुरूप है।
लोजपा में राजनीतिक तख्तापलट के बाद पहली बार पटना पहुंचे पारस ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए चिराग पर निशाना साधा और कहा कि लोजपा में एक नेता-एक पद का सिद्धांत है। इसी आधार पर चिराग को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाया गया है।
चिराग ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाले गुट द्वारा लिए गए फैसलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि पार्टी का संविधान उन्हें ऐसा कोई अधिकार नहीं देता है। इस बारे में पारस ने कहा, ”चिराग ने जो बातें कही हैं वो पूरी तरह से गलत हैं। जब लोकसभा अध्यक्ष ने हमें लोकसभा में पार्टी का नेता घोषित कर दिया तो पार्टी का संसदीय बोर्ड क्या होता है?”
उन्होंने कहा कि चिराग एक साथ पार्टी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष, सदन में नेता और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाल रहे थे जो पूरी तरह से गलत था। पार्टी संविधान में स्पष्ट उल्लेख है कि एक नेता-एक पद धारण करेगा।
पारस ने कहा कि लोजपा की बैठक में चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। बृहस्पतिवार को पार्टी नेता सूरजभान सिंह के पटना स्थित आवास पर लोजपा की बैठक होगी जिसमें तय होगा कि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा?
इससे पूर्व सूरजभान सिंह के साथ पटना एयरपोर्ट पहुंचने पर सैकड़ों की संख्या में उनके समर्थकों ने पारस का स्वागत किया।
पार्टी कार्यालय पहुंचने पर चिराग के समर्थकों ने पारस को काले झंडे दिखाए और उनके विरूद्ध नारेबाजी की। हालांकि, वहां मौजूद पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें नियंत्रित किया गया।
पारस के पटना स्थित प्रदेश पार्टी मुख्यालय पहुंचने से पहले उनके समर्थकों द्वारा पार्टी कार्यालय में लगे चिराग के पोस्टरों को हटा दिया गया था।
भाषा अनवर
शफीक
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