हमारा लक्ष्य, गांधी का राम-राज, समानता, प्रेम, भाईचारा और भयमुक्त समाज की स्थापना के लिए काम कर रहे- सीएम बघेल | Our goal, Gandhi's Ram-raj, working for equality, love, brotherhood and establishing a fear-free society

हमारा लक्ष्य, गांधी का राम-राज, समानता, प्रेम, भाईचारा और भयमुक्त समाज की स्थापना के लिए काम कर रहे- सीएम बघेल

हमारा लक्ष्य, गांधी का राम-राज, समानता, प्रेम, भाईचारा और भयमुक्त समाज की स्थापना के लिए काम कर रहे- सीएम बघेल

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 PM IST
,
Published Date: November 29, 2020 12:54 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कहा कि उनकी सरकार राज्य में उस राम-राज्य की स्थापना के लिए काम कर रही है, जिसकी बात महात्मा गांधी किया करते थे। उन्होंने कहा- असली रामराज वह है जहां समानता, प्रेम और भाईचारा हो, किसी के भीतर किसी भी तरह का भय न हो, जहां शेर और बकरी एक घाट में पानी पी सकें।

पढ़ें- ब्रह्म मुहूर्त में कार्तिक स्नान करने महादेव घाट जाएंगे सीएम भूपेश बघेल, विधायक विकास उपाध्याय ने लिया तैयारियों का जायजा

बघेल ने जाजंगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण में आयोजित एक धार्मिक समारोह में यह बात कही। रामचरित मानस पर आधारित यह समारोह शिवरीनारायण-मठ की ओर से आयोजित किया गया था।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमेशा करुणामय राम की पूजा करने की परंपरा रही है। हम उन्हें साकार और निराकार दोनों रूपों में पूजते हैं। गोस्वामी तुलसी दास ने जहां उनके साकार स्वरूप को जन-जन तक पहुंचाया, वहीं संत कबीर ने राम के निर्गुण रूप की उपासना की। छत्तीसगढ़ का रामनामी समुदाय अपने शरीर पर राम नाम का गोदना अंकित करके उनके निर्गुण रूप की ही आराधना करता है।

पढ़ें- आस्ट्रेलिया ने भारत को 51 रनों से हराकर सीरीज किया …

बघेल ने कहा महात्मा गांधी के रामराज के सपने को साकार करने के लिए राज्य शासन ने सुराजी गांव योजना शुरु की है। जब हर वर्ग के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को यह महसूस होगा कि प्रदेश में उसकी सरकार है, तभी रामराज का सपना साकार होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से असली गो-सेवा तो हमारी सरकार कर रही है। पूरी दुनिया में यह पहली बार हो रहा है कि कोई सरकार किसानों से गोबर खरीद रही है। उन्होंने कहा- हम किसानों से 2 रुपए किलो में गोबर खरीद कर उससे जैविक खाद तैयार कर रहे हैं, जिसका विक्रय 8 रुपए किलो की दर से किया जा रहा है। जब पशुपालकों को गोबर की भी कीमत मिलने लगेगी तब वह अपने हर पशु के चारे की चिंता करेगा, चाहे उनसे दूध न भी मिलता हो। वह अपने पशुओं को घर पर ही बांधकर रखना चाहेगा। गोबरों की खरीद राज्य के 3200 गोठानों के माध्यम से की जा रही है, पूरे प्रदेश में 5000 से अधिक गोठानों का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ किसानों का प्रदेश है, इसीलिए कोरोनाकाल की आर्थिक चुनौतियों के बावजूद यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसानों को उनकी उपज की सही कीमत मिले।

पढ़ें- किसानों ने ठुकराया अमित शाह का प्रस्ताव, बोले- हम ब

हमने किसानों से 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी का वादा किया था, सरकार बनने के बाद हमने ऐसा किया भी। हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरु की, जिसके माध्यम से 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से किसानों को आदान सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है। तीन किश्तें किसानों के खातों में अंतरित की जा चुकी हैं, चौथी किश्त भी शीघ्र ही उन्हें मिल जाएगी।

पढ़ें- एयरएशिया इंडिया की विस्तार की योजना, जून तक तीन और …

उन्होंने कहा कि पहले राज्य में किसानों की संख्या में गिरावट आ रही थी, खेती का रकबा भी तेजी से सिमटता जा रहा था। पहले जहां 12-15 लाख किसान ही धान बेचने के लिए पंजीयन कराते थे, वहीं इस साल छत्तीसगढ़ के साढ़े 21 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है। हमारे कार्यकाल में किसानों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है और खेती का रकबा भी बढ़ा है । जो लोग अपने खेत रेग (ठेके) पर दिया करते थे, उन लोगों ने भी स्वयं खेती करनी शुरु कर दी है, क्योंकि अब उन्हें फसल का अच्छा पैसा मिलने लगा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवरीनारायण वह स्थान है, जहां वनवास काल के दौरान भगवान राम का आगमन हुआ था और माता शबरी का जहां जन्म हुआ था। कोरिया से लेकर बस्तर तक राम के वन गमन मार्ग पर ऐसे अनेक स्थान हैं, जहां उन्होंने प्रवास किया था। इनमें से 9 स्थानों को चिन्हित कर उन्हें पर्यटक केंद्रों के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा शासन ने राम वन गमन पथ पर्यटन सर्किट की जो योजना तैयार की है, यह उसके पहले चरण का काम है।

पढ़ें- निगम-मंडल में वरिष्ठ नेताओं की होगी नियुक्ति, विधानसभा चुनाव के दावेदारों को भी मिलेगी जगह- पीएल पुनिया

अगले चरण में और भी स्थानों को इसमें शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिवरीनारायण और पूरा छत्तीसगढ़ वह स्थान है जिसने हर युग में भारतीय संस्कृति को समृद्ध किया है। त्रेता में जहां यहां राम का आगमन हुआ, वहीं द्वापर में रायपुर के निकट आरंग में भगवान कृष्ण, अर्जन के साथ आए थे। यहां बौद्ध धर्म का गहरा प्रभाव रहा। बुद्ध के बाद सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध संत नागर्जुन ने यहीं के सिरपुर में तपस्या की। नालंदा के बाद भारत का सबसे बड़ा प्राचीन शिक्षा केंद्र सिरपुर में ही था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान राम छत्तीसगढ़ की संस्कृति में रचे-बसे हुए हैं। हम सोते-जागते, खाते-पीते हर पल राम को याद करते हैं। एक दूसरे से राम-राम कहकर ही भेंट करते हैं। फसलों के मापने के पारंपरिक पैमाने की पहली गणना भी राम से ही शुरु होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान राम से जुड़े शिवरीनारायण का न केवल एक अच्छे पर्यटन तीर्थ के रूप में विकास किया जाएगा, बल्कि यहां हर तरह की नागरिक सुविधाओं का भी विकास किया जाएगा।  छत्तीसगढ़ गो सेवा आयोग के अध्यक्ष और शिवरीनारायण मठ के महंत रामसुंदर दास की मांग पर बघेल ने शिवरीनारायण में 30 बिस्तर अस्पताल शुरु करने तथा तीन दिवसीय मानस गान महोत्सव के आयोजन की घोषणा की।

 
Flowers