OBC reservation news bhopal
भोपाल । मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर भले ही देश की सबसे बड़ी अदालत में सुनवाई चल रही हों.. लेकिन अब इसे लेकर सड़क से लेकर सियासत तक गर्माहट महसूस की जाने लगी है। प्रदेश भर के करीब 50 संगठनों के साथ भोपाल में ओबीसी महासभा ने बड़ा प्रदर्शन किया, साथ ही 11 मांगों का एक पत्र भी जारी किया। कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल ने खुद इस प्रदर्शन में शामिल होकर पूरा समर्थन देने का वादा किया तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा की। जबकि बीजेपी ने भरोसा दिलाया कि वो ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने के पक्ष में है और कोर्ट में जोरदार तरीके से इस बात को रखा जाएगा।
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OBC reservation news bhopal : भोपाल में ओबीसी महासभा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर टकराव हुआ। दरअसल महासभा के लोग अपनी मांगों को लेकर सीएम हाउस का घेराव करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। इनकी मांग है कि केंद्र सरकार की नीट प्रवेश परीक्षा में राज्य कोटे की सीट में आरक्षण लागू किया जाए। 2021 में होने वाली जनगणना जाति के आधार पर हो, मामला अदालत में है लेकिन विधानसभा में अध्यादेश पारित कर ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित किया जाए।
ओबीसी महासभा की मांग
MP पीएससी, शिक्षक पात्रता भर्ती और दूसरी परीक्षाओं ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिले।
एनएचएम की भर्ती में सिर्फ 6 फीसदी आरक्षण दिया गया है। इसके लिए मिशन संचालक को निलंबित किया जाए, ओबीसी छात्रों को वाजिब छात्रवृति दी जाए।
निजी क्षेत्र में भी ओबीसी आरक्षण लागू किया जाए।
ओबीसी महासभा के इस प्रदर्शन में कांग्रेस के विधायक कमलेश्वर पटेल ने शामिल होकर पूरा समर्थन देने की बात कही..
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मध्यप्रदेश में ओबीसी वोट बैंक करीब 50 फीसदी के आसपास है। जाहिर है ऐसे में कोई भी पार्टी उनसे दूर नहीं हो सकती। कांग्रेस उनके साथ आई तो बीजेपी भला कैसे पीछे रह सकती है। बीजेपी ने बयान जारी किया कि कांग्रेस पिछड़ा वर्ग आरक्षण के नाम पर धोखाधड़ी में विश्वास करती है। 70 सालों तक शासन करने वाली कांग्रेस को आरक्षण देने से किसने रोका था, कांग्रेस की सरकार 60 – 70 वर्षों तक केंद्र में रही लेकिन पिछड़ा वर्ग की समस्याओं का अध्ययन करने के लिए बनाए गए पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा भी नहीं दिया। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने आज पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक दर्जा दिया है। बीजेपी पिछड़ा वर्ग सहित सभी वर्गों के कल्याण के लिए तत्पर और तैयार है।
इतना ही नहीं ओबीसी वर्ग को समर्थन देने के लिए मंत्री भी मैदान में उतरे और साथ देने की बात दोहराई।
दरअसल मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग राजनीतिक रुप से काफी मजबूत है और उनकी संख्या भी काफी ज्यादा है। जिसे ही ध्यान में रखकर कमलनाथ सरकार ने 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था लेकिन अब ये मामला कोर्ट में है।
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