भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 456 हो गई है। राज्य के 18 जिलों में कोरोना संक्रमण पहुंच गया है। इसमें कोरोना से ज्यादा प्रभावित 15 जिलों के 46 हॉटस्पॉट को पूरी तरह सील करने के आदेश दे दिए गए हैं। कोरोना से प्रभावित भोपाल, इंदौर और उज्जैन को पहले ही पूरी तरह से सील किया जा चुका है। सील करने के बाद कोरोना हॉटस्पॉट में आवश्यक वस्तुओं, दवा-दूध आदि की सप्लाई जिला प्रशासन के माध्यम से कराए जाने का फैसला भी शिवराज सरकार ने लिया है लेकिन हालात पहले के मुकाबले अब बेकाबू हो चले हैं, ऐसे में शिवराज सरकार के सामने बड़ी चुनौती है कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने की।
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प्रदेश के 15 जिलों के कुल 46 क्षेत्रों को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है, जहां कोरोना संक्रमण के मामले मिले हैं। जबलपुर 8, ग्वालियर 6, खरगोन 5, बड़वानी 5, छिंदवाड़ा 5, देवास 4, होशंगाबाद 3, विदिशा 2, खंडवा 2, मुरैना, शिवपुरी, बैतूल, श्योपुर, रायसेन और धार की 1-1 जगह को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है। संक्रमित मरीज़ों के मिलने की वजह से और भी इलाकों को हॉटस्पॉट बनाने की तैयारी हो रही है।
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उधर कांग्रेस का मानना है कि शिवराज सिंह चौहान बतौर मुख्यमंत्री अकेले कोरोना के खिलाफ चल रही जंग नहीं जीत सकते, लिहाज़ा उन्हें विपक्षी दलों का सहयोग, मंत्रिमंडल का गठन जल्द करना होगा। ताकि वक्त रहते हालात काबू में किए जा सकें। हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों से फोन पर बात कर सरकार की कोशिशों को बताया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और उमा भारती से बात कर उनसे कोरोना महामारी से निपटने सुझाव भी मांगे हैं।
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वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की वजह से परेशान चल रहे ऐसे गरीब व्यक्तियों को जो राज्य द्वारा निर्धारित 25 श्रेणियों में आते हैं,जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं उनके परिवारों की प्रदेश में संख्या लगभग 32 लाख हैं को कोरोना कोटा के नाम पर एक माह का राशन 5 किलो प्रति व्यक्ति (04 किलो गेंहू, 01 किलो चावल, या 05 किलो गेहूं) निःशुल्क देने का फैसला किया है। बीजेपी सरकार का दावा है कि वक्त रहते कोरोना संकट पर काबू पा लिया जाएगा।
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दरअसल मध्यप्रदेश अब कोरोना के सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की फेहरिस्त में शामिल हो चुका है। 33 मौतें भी हो चुकी हैं। लेकिन कोरोना के संक्रमण की चेन तोड़ पाने में सरकार नाकाम ही साबित हुई है। हालात ये हो चुके हैं कि निर्णायक जंग लड़ने वाले जिम्मेदार खुद ही कोरोना के संक्रमित होकर अस्पतालों में हैं। ऐसे में शिवराज सरकार के सामने बड़ी चुनौती है संकट की इस घड़ी से निपटने की, उम्मीद है हिंदुस्तान के साथ ही देश का दिल मध्यप्रदेश भी कोरोना के खिलाफ चल रही जंग ज़रुर जीतेगा।